महाराष्ट्र के एक विधायक ने मांग की है कि “गेटवे ऑफ इंडिया” का नाम बदलकर “भारतद्वार” रखा जाए। बीते शनिवार (10 जून) को कोलाबा सीट से विधायक राज पुरोहित ने यह बात कही। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक पुरोहित ने यह बता कही है। वहीं खबर के मुताबिक, ऐसा पहली बार नहीं जब राज पुरोहित ने इस तरह की कोई मांग उठाई हो। पुरोहित ब्रिटिश राज के समय में रखे गए सभी नामों को बदलने की वकालत करते हैं। इससे पहले उन्होंने मरीन लाइन्स रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर मुंबादेवी रखने की बात कही थी। उनके मुताबिक “गेटवे ऑफ इंडिया” नाम ब्रिटिश गुलामी का प्रतीक है।
खबर के मुताबिक राज पुरोहित ने कहा- “मैं महाराष्ट्र के सीएम और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट को गेटवे ऑफ इंडिया का नाम बदलकर भारतद्वार रखने के लिए लिखूंगा। भारत को औपनिवेशिक काल के इस नाम को अब जाने देना चाहिए। गुलमी अब जा चुकी है।” उन्होंने आगे कहा- “कई रेलवे स्टेशनों के नाम बदलें गए हैं। शहर का ब्रिटिशों द्वारा बोम्बे रखा गया था और इसलिए उसका नाम बदलकर मुंबई रखा गया। ऐेसे में गेटवे ऑफ इंडिया का नाम बदलकर भारतद्वार” खबर के मुताबिक बीजेपी-शिव सेना सरकार 7 सब-अर्बन रेलवे स्टेशनों के नाम बदला चाहती है। इनमें मुंबई सेंट्रल, चर्नी रोड, करी रोड, कॉटन ग्रीन, रीय रोड, सैंडहर्स्ट रेलवे स्टेशन हैं। वहीं मुंबई रेलवे के कई स्टेशनों के नाम बदले भी जा चुके हैं। एल्फिनस्टन स्टेशन का नाम बदलकर प्रभादेवी किया जा चुका है।
वहीं राज्य में कई ऐसी जगह हैं जिनका नाम बदला गया है। विक्टोरिया टर्मिन्स स्टेशने का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिन्स रखा गया था। ऐसे ही प्रिंस ऑफ वेह्ल संग्रहालय का नाम भी छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखा गया। वहीं खबर के मुताबिक, पुरोहित ने यह भी कहा कि दिसंबर 1924 में गेटवे ऑफ इंडिया का उद्घाटन किया गया था ताकि जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी का भारत में अंग्रेजों द्वारा स्वागत किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि यह नाम ब्रिटिशों की गुलामी का प्रतीक है