पाकिस्तान ने दावा किया है कि कुलभूषण जाधव मामले में हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय अदालत (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस- ICJ) में भारत को झटका लगा है। ICJ ने भारत को दलील के लिए 6 महीने का समय देने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान के जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अशतर औसफ ने बताया है कि भारत ने जाधव केस में दलील के लिए दिसंबर 2017 तक का समय मांगा था लेकिन ICJ ने भारत को 13 सितंबर तक का ही वक्त दिया। ICJ ने पाकिस्तान के लिए भी 13 दिसंबर तक इस केस में काउंटर प्ली फाइल करने की डेडलाइन तय की है।
जियो न्यूज के मुताबिक, इंटरनेशनल कोर्ट ने आठ जून को चैम्बर में भारत की अपील पर सुनवाई की। इस दौरान पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने विरोध किया और तर्क दिया कि भारत के पास इस मामले पर सबूत जुटाने और दलील पेश करने के लिए पूरे एक साल का वक्त था। साथ ही कुछ दिन पहले ही भारत ने इस मामले में स्पीडी हियरिंग की गुजारिश की थी लेकिन अब भारत अधिक समय मांग रहा है।
बता दें कि पिछले महीने यानी 18 मई को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कुलभूषण जाधव की पाकिस्तान में फांसी की सजा पर अंतिम फैसला आने तक रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि पाकिस्तान जाधव पर कोई कार्रवाई न करे। कोर्ट ने यह भी कहा था कि भारत को काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए था। कोर्ट ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान वियना संधि के तहत प्रतिबद्ध हैं और उसे इस मामले में फैसला सुनाने का हक है। कोर्ट ने कहा कि भारत ने वियना संधि के तहत अपील की है और संधि के तहत राजनयिक मदद दी जानी चाहिए थी।
कुलभूषण जाधव भारत के पूर्व नेवी अफसर हैं जिनको पाकिस्तान ने किडनैप किया और अपने देश ले गए। वहां ले जाकर कुलभूषण जाधव को जासूस बताया गया और फिर पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट ने उनको फांसी की सजा सुना दी। भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव को पाकिस्तान ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान में गिरफ्तार करने का दावा किया था। पाकिस्तान ने कहा है कि जाधव भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के लिए काम कर रहा था। वहीं भारत का कहना है कि जाधव को बलूचिस्तान में गिरफ्तार नहीं किया गया, बल्कि ईरान से अगवा किया गया था।