Monday, December 23, 2024
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केजरीवाल: भाजपा ने भी किसानों की पीठ में छुरा घोंपा

SI News Today

आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कृषि उपज का पर्याप्त मूल्य दिलाने में केंद्र सरकार की नाकामी के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं करने को अहम वजह बताते हुए केंद्र सरकार से किसानों की समस्या के समाधान पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। केजरीवाल ने शनिवार को ‘आप’ के किसान सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस की तर्ज पर भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने भी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं कर किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है। केजरीवाल ने किसानों की बदहाली के लिए कांग्रेस और भाजपा को समान रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए सम्मेलन में किसान प्रतिनिधयों द्वारा 15 जुलाई से 26 नवंबर तक देश भर में किए जाने वाले किसान आंदोलन की रूपरेखा को मंजूरी दी। उन्होंने कर्ज माफी को नाकाफी बताते हुए किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने वाली कृषि नीति बनाने की जरूरत पर बल दिया।

केजरीवाल ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने कांग्रेस से दो कदम आगे जाकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं कर किसानों से अपनी वादाखिलाफी का सबूत भी दे दिया है। उन्होंने 20 राज्यों से आए पार्टी के किसान प्रतिनिधयों से केंद्र सरकार का यह हलफनामा देश के हर किसान के घर तक पहुंचाने का आह्वान किया। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पिछले साल फसल खराब मौसम के कारण बर्बाद होने पर आप सरकार ने किसानों को 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया था। अगर दिल्ली सरकार यह पहल कर सकती है तो अन्य सरकारें क्यों नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा कि इसके पीछे सिर्फ सरकारों में नियत का संकट एकमात्र वहज है।

इससे पहले पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रभारी और दिल्ली के कृषि एवं मंडी मामलों के मंत्री गोपाल राय ने सम्मेलन में जारी मांग पत्र के हवाले से किसानों की समस्या पर संसद का विशेष सत्र बुलाने, मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों को शहीद का दर्जा देने की मांग की। इसके अलावा दिल्ली की तर्ज पर किसानों को 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा देने और विकास के लिए प्रत्येक गांव को दो करोड़ रुपए का फंड जारी करने की मांग की। राय ने देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा का खुलासा करते हुए बताया कि 15 जुलाई से आप की किसान इकाई मध्य प्रदेश से किसान सम्मेलन का आगाज करेगी। इस कड़ी में दिल्ली में जंतर मंतर पर 2 अक्तूबर को धरना और 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

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