Monday, December 23, 2024
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मैच से पहले फिट नहीं थे पाकिस्तान को जिताने वाले फखर जमान

SI News Today

चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में भारत पर पाकिस्तान की जीत के नायक फखर जमान 12 जनवरी 2007 को नौसेना में शामिल हुए थे। उनके पिता फकीर गुल को लगता था कि क्रिकेट ने उनके बेटे की पढ़ाई-लिखाई चौपट कर दी। फकीर अली को लगा कि नौसेना में नौकरी से अच्छा उनके बेटे के लिए कुछ नहीं हो सकता। नौसेना में चयन होने के बाद जमान की तैनाती कराची में नौसैनिक के रूप में हुई।

फखर जमान ज्यादा दिन नौसेना में नहीं रहे। ट्रेनिंग पूरी करके फौजी (टीम में उनके साथी उन्हें इसी नाम से बुलाते हैं) बनते-बनते क्रिकेटर के तौर पर नौसेना के क्रिकेट कोच आजम खान की नजर में जगह बना ली थी। आजम खान ने नौसेना मुख्यालय को सूचित किया कि नौजवान फखर जमान नौसेना से ज्यादा देश के क्रिकेट टीम के लिए उपयोगी साबित होगा। बाएं हाथ के बल्लेबाज फखर जमान ने उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।

18 जून 2017 को भारत के खिलाफ पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में रिकॉर्ड जीत दिलाकर फखर जमान ने आजम खान की बात सही साबित कर दी। पाकिस्तान ने पिछले 25 सालों में पहली बार आईसीसी वनडे टूर्नामेंट जीता है। फखर जमान ने टूर्नामेंट में भारत के खिलाफ पाकिस्तान के पहले मैच में टीम में नहीं शामिल थे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना डेब्यू किया। उन्हें अहमद शहजाद की जगह टीम में लिया गया था।

फखर जमान ने श्रीलंका और इंग्लैंड के खिलाफ अर्धशतकीय पारी खेली थी। तब उनके पिता ने पाकिस्तानी टीवी चैनल जियो टीवी से कहा था, “पहले वो केवल कटलांग का फखर (गर्व) था, अब वो पूरे पाकिस्तान का गर्व है।” भारत के खिलाफ मैच के बाद फखर जमान ने कहा कि रविवार को उन्हें पहली बार लगा कि वो “अंतरराष्ट्रीय” मैच खेल रहे हैं और पहली बार “बड़े मैच” के दबाव से उनका परिचय हुआ।

रविवार के मैच के हीरो फखर जमान के एक समय पाकिस्तान के आखिरी 11 में होने पर भी संदेह था। उनकी तबीयत खराब थी। फखर जमान ने कहा, “मेरे शरीर में ताकत ही नहीं थी। मैंने तीन-चार गेंदें खेलीं और कोच से कहा कि मेरे अंदर एनर्जी नहीं है। मैं ड्रेसिंग रूम में वापस जा रहा हूं। उन्होंने कहा ठीक है। फिर मैंने अपने मसाज करने वाले और फीजियो को बुलाया और बताया कि मुझे अच्छा नहीं लग रहा है और आप लोग कुछ करिए।”

फखर जमान के अनुसार पाकिस्तानी टीम के फीजियो ने रात को डिनर छोड़कर रात भर उनका इलाज किया। मैच के दिन फखर जमान सुबह चार बजे नमाज पढ़ने के लिए उठने से पहले केवल पांच घंटे सो सके थे। जब वो सुबह उठे तो उन्हें पहले से काफी बेहतर महसूस हो रहा था। उसके बाद जब वो मैदान पर उतरे तो उन्होंने इतिहास बना दिया।

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