पश्चिम बंगाल कई इलाकों में गुरुवार (6 जुलाई) को हिंसा भड़कने के बाद मुस्लिम नेताओं ने बीजीपी और आरएसएस पर निशाना साधा है। मुस्लिम नेताओं का कहना है कि बीजेपी और आरएसएस की मौजूदगी में मुस्लिमों के खिलाफ देश में हिंसा बढ़ रही हैं। इसके साथ ही नेताओं ने पुलिस को भी घेरते हुए कहा कि पुलिस भी कुछ नहीं करती है। अगर उनसे शिकायत की जाती है तो वे हमें ही गिरफ्तार कर लेते हैं। एक स्थानीय मुस्लिम नेता ने कहा कि कई सालों से दोनों समुदाय एक साथ रह रहे थे लेकिन कुछ समय से दोनों में काफी तनाव बढ़ गया है। ऑल इंडिया सुन्नत अल जमायत के अध्यक्ष अब्दुल मातीन ने कहा कि इन इलाकों में पहले कभी भी आरएसएस सक्रिय नहीं हुआ था लेकिन अब बीजेपी और आरएसएस की मौजूदी इलाकों में बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि राज्य और देश में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा बढ़ रही है। इन लोगों की वजह से देश का मुसलमान खुद को असुरक्षित महसूस करता है।
वहीं आरएसएस के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा है कि उन्होंने मुस्लिमों को अपना निशाना बनाया है। इन कार्यकर्ताओं के खिलाफ आगजनी के अलावा मुसलमानों के घर में तोड़फोड़ करने के 68 केस दर्ज हैं। बदुरिया समेत पश्चिम बंगाल में ऐसे कई इलाके हैं जहां पर काफी संख्या में मुस्लिम आबादी रहती है। दिन प्रतिदिन इन इलाकों में मुस्लिमों की संख्या बढ़ती जा रही है क्योंकि बांग्लादेश से आकर लोग यहां बस रहे हैं। गुरुवार को करीब 8 बांग्लादेशियों को स्थानीय लोगों ने पकड़कर बीएसएफ के हवाले किया था। इन लोगों के पास से हथियार भी बरामद किए गए थे। वहीं दूसरी ओर बशीरहाट के आरएसएस कार्यकर्ता सुभाष चंद्र नाथ पर आरोप है कि वे बम और हथियार ले जाने के लिए एक एंबुलेंस का इस्तेमाल कर रहे थे।
आपको बता दें कि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक विविदित पोस्ट के बाद दो समुदायों में झड़प हो गई थी। इसमें एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ जिसकी अस्पताल मे इलाज के दौरान मौत हो गई। आक्रोशित भीड़ ने मंगलवार को बदुरिया, बशीरहाट, हरोआ, स्वरूपनगर और देगंगा में हिंसा की। इन इलाकों में धारा 144 लगाई गई है। गुरुवार को, पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं।