लखनऊ: छेड़छाड़ और सामूहिक दुराचार के आरोप में जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति की मुश्किलें बढ़ सकती है। बुजुर्ग महिला ने मारपीट, छेड़छाड़ व बलवा का आरोप लगा है। इस मामले में आवास-विकास के इंजीनियरों सहित 10-12 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।
SC-ST कोर्ट के आदेश पर FIR
-इस मामले में एससी-एसटी कोर्ट ने गोसाईंगंज थाने को मामले की एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
-गोसाईंगंज के एसओ विद्यासागर पाल ने बताया, “हरिहरपुर की रहने अनुसूचित जाति की पीड़िता की मां पास के क्षेत्र के एक गांव में रहती है। दो अप्रैल 2017 को पीड़िता की वृद्ध मां अपनी जमीन पर निर्माण कार्य करा रही थीं।”
-“उस वक्त स्कॉर्पियो व बोलेरो कार तथा बाइक से गायत्री प्रसाद प्रजापति का बेटा अनिल अपने साथ 10-12 बदमाशों को लेकर वहां पहुंचा और गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी देते हुए निर्माण कार्य रोकने को कहा। तनातनी बढ़ने और भीड़ के जुटने पर अनिल और उसके साथ आए बदमाश भाग निकले।”
-उसी दिन शाम को करीब पांच बजे अनिल प्रजापति अपने साथ आवास विकास के अधिशासी अभियंता सुनील चौधरी, प्रमोद कुमार, सहायक अभियंता एके वर्मा, अवर अभियंता अभिषेक तिवारी, एसके विश्वकर्मा, संजय गुप्ता को लेकर आया। इन लोगों ने जेसीबी मशीन से पड़ोस की दीवार गिरा दी।
-पीड़िता की मां की निर्माणाधीन दीवार गिराने लगे तो उसने विरोध किया। जिस पर अनिल और आवास-विकास के इंजीनियरों ने उन्हें जातिसूचक शब्दों से संबोधित करते हुए गालियां दीं। दबंगों ने वहां से न हटने पर जेसीबी से दबाने की धमकी दी। निर्माण कार्य रोकने से इंकार करने पर इन लोगों ने मारपीट व पथराव किया।
-ईंट लगने से वृद्धा को काफी चोटें आईं। पीड़िता का आरोप है कि अनिल और आवास-विकास के इंजीनियरों ने उसकी वृद्ध मां से छेड़छाड़ भी की। जिससे उनका सोने का मंगलसूत्र टूटकर गिर गया जिसे अवर अभियंता एसके विश्वकर्मा उठाकर अपने पास रख लिया। मारपीट व छेड़छाड़ पर वृद्धा ने चीख-पुकार मचाई तो उसकी बेटी सावित्री व दामाद सुभाष सहित गांव के तमाम लोग इक्ट्ठा हो गए।
-सबने अनिल और उसके साथ आए लोगों को घेर लिया। भीड़ को देखकर सभी भाग निकले। बाद में सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस को घटनास्थल पर दो बाइक मिलीं, जो अनिल के साथ आए बदमाशों की थीं। पीड़िता का आरोप है कि अनिल व आवास-विकास के इंजीनियर उसकी मां की जमीन कब्जा करने आए थे।
-स्थानीय पुलिस और एसएसपी के यहां सुनवाई न होने पर उसने सीजेएम की कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया। जहां से उसे एससी-एसटी कोर्ट भेज दिया। सोमवार को एससी-एसटी कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।