लखनऊ: पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के जन्म शताब्दी समारोहों की शुरुआत में बुधवार को उमड़ी कार्यकर्ताओं की भीड़ से उत्साहित नेताओं ने संघर्ष तेज करने का एलान किया। वहीं वोटबैंक फिर से बटोरने की फिक्र के साथ महागठबंधन के संकेत भी दिए। भाजपा और आरएसएस को कोसते हुए विचारधाराओं की लड़ाई में कांग्रेस द्वारा ही अगुवाई करने का दावा भी किया गया।
इंदिरा गांधी जन्मशती समारोहों की श्रंखला का शुभारंभ करते हुए प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेसियों से सुस्ती छोड़कर कुर्बानी देने के लिए तैयार रहने का आहवान किया। इंदिरा गांधी के संघर्षो की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि केवल तीन वर्ष में भाजपा सरकार के कदम डगमगाने लगें। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान का जवाब भी दिया। जिसमें देश के शीर्ष पदों पर सामान्य घरों से लोगों के आसीन होने की बात कही थी। उनका कहना था कि सामान्य लोगों का बड़े पदों तक पहुंचना अच्छी बात है लेकिन, बड़े घरानों के लोगों का शीर्ष पदों पर रहते हुए सामान्य बने रहना बड़ी बात है। उन्होंने महात्मा गांधी, मोतीलाल व जवाहर लाल नेहरू का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री द्वारा एक दिन में पांच बार सूट बदलने पर तंज भी कसा।
देशभक्त बनाम राष्ट्रभक्त
समारोह में वक्ताओं का जोर कांग्रेसियों को ही सच्चा देशभक्त सिद्ध करने पर रहा। अध्यक्षीय संबोधन में प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर का कहना था कि देश को नकली राष्ट्रभक्तों की नहीं, सच्चे देशभक्तों की जरूरत है। कांग्रेस का इतिहास देश के लिए कुर्बानी का रहा है लेकिन, सत्ता में बैठे लोग देश की परिभाषा बदलना चाहते है। उन्होंने कहा कि सच्चे देशभक्तों और राष्ट्रभक्तों में फर्क समझाना जरूरी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व मुख्य अतिथि मणिशंकर अय्यर ने इंदिराकाल की खूबियों को गिनाते हुए केंद्र सरकार द्वारा रोहिंग्या मुस्लिमों को शरण न देने का सवाल भी उठाया। उनका कहना था कि इंदिरा ने मुश्किल में फंसे एक करोड़ लोगों को शरण दी। श्रीलंका के लोगों को तमिलनाडु में शरण दी। उन्होंने एकजुट हो देश को फासिस्टवादी ताकतों से आजाद कराने की आवश्यकता बतायी।
कांग्रेसमुक्त भारत कभी नहीं
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आदित्य मुखर्जी व मृदुला मुखर्जी ने इंदिरा गांधी को प्रथम श्रेणी की विश्वनेत्री बताते हुए कहा कि बहुत कम लोग थे जो उनका सामना कर सकते थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेसमुक्त भारत कभी नहीं होने वाला है। इंदिरा की सोच राष्ट्रीय हित की थी जो भाजपा के राष्ट्रवाद से बिल्कुल अलग था। विश्व के तमाम देशों में भारत की पहचान इंदिरा गांधी से ही है। उन्होंने विश्वविद्यालयों के छात्रों को आतंकी घोषित की निंदा की। इस अवसर पर इंदिरा गांधी- संघर्ष और योगदान, पुस्तक का भी विमोचन किया गया। विधानमंडल दलनेता अजय कुमार लल्लू ने दिल्ली छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई की जीत पर बधाई दी। संचालन विनोद शर्मा ने किया। इस अवसर पर मोहसिना किदवई, प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, संजय सिंह, श्रीप्रकाश जायसवाल, जितिन प्रसाद, राजाराम पाल, आराधना मिश्रा, पीएल पुनिया, सुहैल अंसारी, दीपक सिंह, ममता तिवारी, अम्मार रिजवी मौजूद रहें परंतु सलमान खुर्शीद, आरपीएन सिंह व प्रदीप जैन जैसे नेताओं की गैरहाजिरी चर्चा में रहीं।