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रूमाना सिद्दीक़ी –
हर दिन देश में हजारो बलात्कार होते है जो की मर्द की विकृत हवसी शैतानी मानसकिता की ऊपज है। इन बलात्कारियो के आगे सभी कायदे कानून तब तक ध्वस्त है जब तक बलात्कारी को 1 साल के अंदर फांसी का फ़रमान न जारी हो जाये। अगर किसी को 5 या 10 साल बाद फांसी का फ़रमान भी आ जाए तो वकीलो की फौज और राजनेता उसको बचाने में लग जाते है। यही भारत की हर औरत हर बेटी का दुर्भाग्य है। उसके जिस्म को कोई भी रोंद सकता है अपनी हवस का शिकार बना सकता है। इतिहास गवाह है के भारत में एक बेटी से 20 युवको ने तो कभी 50 युवको ने सामूहिक रैप किया है। कुछ को 2 या 4 साल की जेल होती है तो उम्र क़ैद उसको हो जाती है जो बलात्कार करके लड़की की हत्या कर दे।
ये भारत की समस्या ही नही बल्कि पुरे विश्व की समस्या है जो के विकराल रूप ले चुकी है पर हमको ये रोकना होगा हर हाल में रोकना होगा। हम बलात्कार पर चुप्पी साध लेते है डर जाते है मगर फिर एक नया बलात्कारी पैदा हो जाता है।
पर अब धीरे धीरे ही सही न्याय प्रणाली में पारदर्शिता आई है, फ़ास्ट ट्रैक में मामले तेजी से निपटाये जा रहे है। सरकारे बदलने से हालात भी बदले है। मोदी राज में कानून भी सख्त और कड़े बनाए गए है। पीड़िता के लिए आर्थिक मदद के दरवाजे भी खुले है। हर दिन कोर्ट थाने में पूछताछ से भी छुटकारा मिला है।
औरत की जिंदगी में दुःख तकलीफ पहले ही बहुत है। औरत विधवा हो जाये कोई देखने वाला नही रोटी खिलाने वाला नही। तीन तलाक़ या तलाक़ हो जाये औरत बर्बाद हो जाती है बच्चों का भविष्य खत्म हो जाता है। कहि बलात्कार के बाद हत्या तो कहि प्यार में लड़की पर तेजाब फ़ेक दिया। दहेज़ कम मिला तब रोज रोज की मार पिट और फिर जलाकर मार देना या फांसी पर लटका देना। पेसो के लिए शराब के लिए बीबी बेटी का जिस्म बेच देना। घर में मर्द की हर बात माननी पड़ती है वर्ना घरेलू हिंसा होगी। कितना दर्द कितनी पीड़ा औरत जात को झेलनी पड़ती है। एक बार बलात्कार करने वाला कभी ये नही सोचता के कल उसकी बेटी बहन बीबी के साथ भी यही होगा यही कुदरत का कानून है।
हम सबको मिलकर औरतो की बेटियों की ये लड़ाई लड़नी होगी क्योंकि हर घर में बेटी बहन माँ बीबी है। विरोध कीजिए नतीजे सामने होंगे। बाजारों में शराब और यौन उत्तेजक दवाओं, पोर्न साईट, फिल्मो पर पाबंदी लगनी चाहिए, जिससे बलात्कार की घटनाओं में भारी कमी आ सके। रोज ऐसी घटनाओं को देखकर पीड़ा होती है। हमको इस सबका विरोध करना चाहिए। शराब का विरोध करे, तेज़ाब बेचने वालो की दुकाने बंद कराई जाये। पोर्न फिल्मो का विरोध किया जाये, घर में बेटियों को संस्कार सिखाए जाये। बेटियों की उत्तेजित कपडे पहनने की इजाजत न दे। बेटी के कौन दोस्त है कैसे दोस्त है सबसे मिले। रात को बेटी को अकेले घर से बाहर न जाने दे। फोन चैक करते रहे। अंधकार और सड़को पर सन्नाटा ये अपराध को जन्म देता है, इस सबसे बचे। स्कूल कॉलेज जाकर बच्चों की जानकारी लेते रहे। अपने आस पास अवैध लोगो पर नजर रखे। बेटी से एक एक पैसे का हिसाब ले। उसको अच्छे बुरे के बारे में बताए। उसको अपने अपने धर्म की पुस्तके पढ़ाये। बाते छोटी है पर असर व्यापक होगा। आखिर सवाल बेटी की सुरक्षा उसकी इज्जत का है जिसको आप पाल पोष रहे हो।
सोशल मिडिया और नेट पर पोर्न ऐड फिल्म भरी पड़ी है। करोड़ो पोर्न वेबसाइट है। online news चैनल भी इन चीजो को बढ़ावा दे रहे है। सरकार और न्याय पालिका से अनुरोध करे की इन सबको बेन किया जाये। अपने बच्चों पर लगाम लगाए। पोर्न किताबे मैगजीन का बहिष्कार करे इनको आग में जलाये। अपनी बेटी ही नही बेटे पर भी नजर रखे क्योंकि आज किसी माँ का बेटा ही कल का बलात्कारी होगा।
नारी भोग की वस्तु नही है। इस त्रासदी के खिलाफ युवाओ को आगे आना चाहिए क्योंकि वे भी बहन बेटी माँ बीबी के रिश्ते से बंधे है। आपकी बहन बेटी भी तब महफूज रहेगी जब दुसरो की बहन बेटी महफूज रहेगी। आप किसी किसी की बहन को छेड़ रहे हो रैप कर रहे हो क्या गारंटी है के ये सब आपकी बहन बेटी के साथ नही होगा ? होगा जरूर होगा क्योंकि समाज में आप जैसे अनगिनत दरिंदे भरे पड़े हैं। मेरे भाइयो आओ इस त्रासदी को जड़ से उखाड़ फेंके।