लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ गुरुवार को एक दिन के दौरे पर आगरा पहुंचे। सीएम बनने के बाद योगी की ये पहली आगरा विजिट है। ताज महल परिसर में योगी करीब 30 मिनट रहे। इस दौरान योगी ने ताज महल के आसपास होने वाले काम की समीक्षा भी की। सबसे खास बात ये है कि उन्होंने न ताज के सपोर्ट में कोई बयान दिया न ही विरोध में। सीनियर पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स ज्ञानेंद्र शर्मा, प्रदीप कपूर और रतन मणि लाल ने बताया कि योगी ने भी अब मान लिया है कि ताज अब तेजोमहल नहीं है।
ताज-ताज है तेजोमहल नहीं
– एक्सपर्ट्स का कहना है, ”सीएम योगी ने विवादों के बीच ताज पहुंचकर एक अच्छा मैसेज दिया है। पार्टी में उठने वाली आवाजें अब बंद हो जानी चाहिए।”
– ”वहां सीएम ने किसी भी तरह का कंट्रोवर्सियल बयान भी नहीं दिया है। इसके मायने यही है कि उन्होंने भी मान लिया कि ताज..ताज है तेजोमहल नहीं।”
– ”देखा जाए तो ताज यूपी के लिए एक बड़ा टूरिस्ट प्लेस है। उत्तराखंड के अलग होने के बाद से ही आगरा का महत्व बढ़ गया है, लेकिन जिस तरह का रेवेन्यु आना चाहिए दिल्ली के करीब होने की वजह से नहीं आता है।”
– ”ऐसे में यूपी सरकार को ताज पर विवाद खड़ा करने से बेहतर टूरिस्ट प्लेस को डेवेलोप करने पर ध्यान देना चाहिए।”
विवाद को जनसमर्थन नहीं मिला तो पहुंचे ताज
– एक्सपर्ट के मुताबिक, ”बीजेपी में जब भी कोई विवादित बयान देता है और उसपर जनसमर्थन मिलता। फिर पार्टी खुद को उससे अलग कर लेती है। ऐसा ही कुछ ताज विवाद के साथ हुआ है।”
– ”दरअसल, योगी का वहां जाना पूरे विवाद को खत्म करना था। क्योकि उन्हें सरकार की छवि को भी बनाए रखना था।”
– ”लव-जिहाद या बीफ खाना जैसे विवादित मुद्दों पर जनसमर्थन मिला। उसपर पार्टी भी आगे आई। लेकिन इस मुद्दे पर अलग हट कर खड़ी रही।”
योगी के लिए ताज सिर्फ एक टूरिस्ट स्पॉट
– एक्सपर्ट्स का मानना है, ”योगी के लिए ताज सिर्फ एक टूरिस्ट स्पॉट ही है। इस मुद्दे पर उनका कोई ऐसा बयान नहीं आया, जिससे लगे कि उन्हें ताज पर प्राइड है।”
– ”इससे लगता है कि संगीत सोम के बयान को लेकर सीएम के ख्याल अलग नहीं है। आपत्ति होती तो कार्रवाई होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”
– ”यही वजह है कि किसी रेलवे स्टेशन को साफ रखा जाता है वैसे ही उन्होंने टूरिस्ट प्लेस को साफ रखने का मैसेज दिया है।”