लखनऊ: लखनऊ पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो इंटरनेशनल कॉल को लोकल बनाकर करोड़ों रुपए की हेराफेरी करते थे। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार गिरोह का सरगना सऊदी अरब में रहता है। ये गिरोह अवैध रुप से निजी टेलीफोन एक्सचेंज चलाकर सरकारी खजाने के करोड़ों रुपयों की हेराफेरी कर रहा था। अवैध सामान बरामद
-एसएसपी दीपक कुमार ने बताया- “खुफिया विंग की विशेष शाखा से कुछ दिन पहले इस इंटरनेशनल कॉल रैकेट के बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद एक स्पेशल टीम का गठन किया गया था।
-एसएसपी के मुताबिक पकड़े गए आरोपी इंटरनेट के जरिए इंटरनेशनल कॉल को लोकल में कनवर्ट कर देते थे। इसके बाद अपने निजी सिम नंबर के जरिए खाड़ी देश में रहने वाले लोगों के परिवार के नंबर फारवर्ड कर देते थे। इन कॉल्स की मॉनिटरिंग करना भी आसान नहीं है। पुलिस से बचने के लिए इन आरोपियों ने टूर एंड ट्रैवेल्स कंपनी खोल रखी थी।
-एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक इस तरह की हेराफेरी काफी दिनों से चल रही थी। आरोपी 2015 में गोरखपुर में एक टूर एंड ट्रैवेल्स कंपनी खोली थी। इस कंपनी के माध्यम से कमाई अच्छी नहीं होती थी।
एक कॉल की कीमत एक से 10 रुपए
-खाड़ी देशों में एक इंटरनेशनल कॉल की कीमत 15 से 16 रुपए होती है। यह सुविधा कई टेलीकॉम कंपनियां उपलब्ध कराती हैं। लेकिन इन जालसाजों ने खाड़ी देश में मौजूद लोगों को एक रुपए से 10 रुपए तक के दाम पर यह काल उपलब्ध कराते थे। कॉल की कीमत सऊदी में बैठा नसीम तय करता था। इनका नेटवर्क पूरे प्रदेश में फैला है।
-हर जिलों खाड़ी देश में नौकरी करने वालों के परिवारिजनों से यह गिरोह बात कराता था। गिरोह का सरगना एक बार नंबर उपलब्ध कराता था। उसी नंबर पर आईडी तैयार की जाती थी। जिस पर विशेष पासवर्ड दिया जाता था।
-इसके बाद उस नंबर से कॉल कराई जाती थी। खाड़ी देश में रहने वाले लोग दिन में कम से कम एक बार कॉल करते थे। जिसका कॉल टाइम कम से कम पांच मिनट और अधिकतम 15 मिनट का होता था।