पाकिस्तान के हरिपुर जिले में निद्रामग्न बुद्ध की अब तक की सबसे बड़ी प्रतिमा खुदाई में मिली है। ये प्रतिमा हरिपुरा के प्रसिद्ध भमाला बौद्ध स्तूप के पास मिली है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पुरातत्व विभाग के निदेशक डॉक्टर अब्दुल समद ने कहा कि “48 फीट लम्बी ये प्रतिमा तीसरी सदी की है और ये निद्रामग्न बुद्ध की दुनिया की अब तक की सबसे प्राचीन प्रतिमा है।” डॉक्टर अब्दुल समद ने न्यूज को बताया कि पुरातत्वविदों को ये प्रतिमा भमाला स्तूप के पास खुदाई के दौरान मिली। प्रतिमा पूरी तरह अक्षुण है। डॉक्टर अब्दुल समद ने बताया कि पुरातत्वविदों को 48 लम्बी बुद्ध प्रतिमा के अलावा उनसे जुड़ी करीब 500 वस्तुएं मिली हैं।
पाकिस्तानी पुरातत्वविदों का दावा है कि ताजा खुदाई से तक्षशिला घाटी सभ्यता से जुड़े नई चीजें सामने आई हैं। डॉक्टर अब्दुल समद ने कहा कि भमाला में दुनिया की एकमात्र क्रूज के आकार का स्तूप मिला है जो केवल बुद्ध के लिए आरक्षित था। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के एक बहुत बड़े इलाके में बुद्ध की कई विशालकाय प्रतिमाएं मिलती रही हैं। आतंकवादी संगठन तालिबान ने बामियान में स्थित बुद्ध की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा साल 2001 में तोड़ दी थी। बामियान बुद्ध की प्रतिमा चौथी-पाचवीं सदी की मानी जाती है।
तक्षशिला बौद्धकालीन भारत का एक अहम शहर था। भारत में स्थित नालंदा की तरह तक्षशिला विश्वविद्लाय भी बौद्ध धर्म के अध्ययन का बड़ा केंद्र था। 1947 में भारत के विभाजन के बाद यह तक्षशिला का इलाका पाकिस्तान के हिस्से में चला गया। इस पूरे इलाके में बौद्ध सभ्यता से जुड़े कई अहम पुरातात्विक स्थल हैं।