हज यात्रा नियम में किए गए बदलाव महिलाओं के लिए नई सौगात लाए हैं। नियम में बदलाव होने के बाद हज यात्रा के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा देखा गया है। अगले साल हज यात्रा के लिए 1,244 भारतीय महिलाओं ने आवेदन किया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के यात्रा नियम में बदलाव के बाद महिलाओं के आवेदन में बढ़ोतरी देखी गई है। नए नियम के मुताबिक अब महिलाएं हज यात्रा पर बिना किसी पुरुष साथी के जा सकती हैं। ‘केवल महिला’ संगठनों को हज यात्रा के लिए आवेदन करने की इजाजत अफजल अमानउल्लाह पैनल द्वारा मिली। पैनल की स्थापना हज पॉलिसी रीव्यू करने के लिए की गई थी। पैनल की सिफारिशों को अक्टूबर महीने में मंजूरी मिली थी।
केरल हज कमेटी के एक कर्मचारी मोहम्मद हसन ने बताया कि सबसे ज्यादा महिला आवेदकों की लिस्ट में केरल सबसे ऊपर है। केरल में 288 महिलाओं ने हज यात्रा के लिए आवेदन किया है। जानकारों के मुताबिक इस्लाम में महिला के अकेले हज पर जाने पर कोई रोक नहीं है। खबर के मुताबिक, NALSAR यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के कुलपति और स्कॉलर फैजान मुस्तफा ने इसे(नियम में बदलाव) स्वागत योग्य कदम बताया। उन्होंने कहा, “यह बदलाव काफी पहले ही हो जाना चाहिए था। भारत सरकार को क्यों महिलाओं के हज यात्रा पर जाने पर किसी तरह की पाबंदी लगानी चाहिए? मेरा मानना है कि महिलाओं को हज कमेटियों में भी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। जब देश में 50 फीसद आबादी महिलाओं की है तो उन्हें ऐसे संस्थानों में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।”
वहीं बातचीत में नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन की शीबा फारूकी ने कहा, “सरकार द्वारा महिलाओं को बिना पुरुष साथी के साथ जाने की इजाजत से उनके लिए सऊदी अरब जाना अब काफी आसान हो जाएगा।” बता दें कि 2017 में 1.24 लाख भारतीय हज यात्रा के लिए गए थे जबकि आवेदन करने वालों की संख्या 4.5 लाख थी।