इतिहास में ऐसी कई सीरियल किलिंग की घटनाएं हुई हैं जिनके बारे में जानकर आज भी लोग सिहर जाते हैं। आज हम आपको ऐसे ही सीरियल किलर के बारे में बता रहे हैं जिसने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। हम बात कर रहे हैं कुख्यात सीरियल किलर दरबार सिंह की। दरबार सिंह एक ऐसा सीरियल किलर था जिसने करीब 17 बच्चों को मौत के घाट उतारा था। इनमें 15 लड़कियां और 2 लड़के शामिल थे। वह बच्चों के साथ रेप और कुकर्म जैसी घिनौनी हरकत कर उन्हें मारकर दफना देता था।
पंजाब के अमृतसर का रहने वाले सीरियल किलर दरबार सिंह ने करीब 20 से ज्यादा बच्चों को अपना शिकार बनाया था लेकिन पुलिस को उसके खिलाफ केवल 17 बच्चों की हत्या के सबूत मिले थे। वह साइकिल पर घूमकर बच्चों को टॉफियों का लालच देकर अपने जाल में फंसाता था और फिर सुनसान जगह ले जाकर उनके साथ हैवानियत करता था और फिर उन्हें मार देता था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दरबार सिंह एक फौजी था लेकिन पठानकोट में तैनाती के दौरान उसने सीनियर ऑफिसर पर हमला करने की वजह से उसे निकाल दिया गया था। उसने अपने सीनियर ऑफिसर पर हैंड ग्रेनेड फेंक दिया था।
दरबार सिंह अकसर प्रवासी मजदूरों के बच्चों को अपना शिकार बनाता था। पहली बार अदालत ने उसे एक प्रवासी मजदूर की बेटी से रेप और हत्या के मामले में 30 साल की कैद की सजा सुनाई थी लेकिन जेल में अच्छे व्यवहार की वजह से उसे वर्ष 2003 में 10 साल में ही रिहा कर दिया था। रिहा होने के बाद उसके अंदर का हैवान फिर जाग गया और वह फिर दरिंदगी करने लगा। सीरियल किलर दरबार सिहं को ‘बेबी किलर’ के नाम से जाना जाने लगा था
2004 में दरबार सिंह को दोबारा गिरफ्तार कर जालंधर के एसएसपी के सामने दिए गए बयान में कहा गया था कि अगर उसे पुलिस ने इतनी जल्दी गिरफ्तार न किया होता तो वह और भी बच्चों को अपना शिकार बनाता। दरबार सिंह तीन बच्चों का पिता है लेकिन उसकी पत्नी ने उसकी घिनौनी हरकतों से तंग आकर उसे घर से निकाल दिया था। उसने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने 17 में से ज्यादातर बच्चों के साथ रेप और कुकर्म के बाद उनकी लाशों को रैया खदूर साहिब रोड पर पुल के पास दफना दिया था।
कपूरथला में 7 महीने के अंदर एक के बाद एक करीब 23 बच्चे गायब हुए थे जिनमें से 6 को पुलिस ने बरामद कर लिया था। इन सभी की उम्र 10 साल से कम थी। 7 जनवरी, 2008 को सीरियल किलर दरबार सिंह को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी जो बाद में उम्र कैद में तब्दील हो गई थी।