घर में छिपकली देखकर हम उसे भगाने लगते हैं, लेकिन वो कोई ऐसा जीव नहीं है जिससे हमारा कुछ नुकसान होता है। वैसे घर में छिपकली का दिखा जाना एक सामान्य-सी बात है। ये मात्र एक जीव हैं किंतु जीव-जंतुओं और मनुष्य को प्रकृति का एक अहम हिस्सा माना गया है। किसी भी परेशानी से निपटने में जीवों की सेवा करने से शुभ फल मिलता है। इसी तरह हिन्दू शास्त्रों में छिपकली के दिखने और उससे जड़ी गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। शास्त्रों में प्रचलित शकुन शास्त्र के अनुसार छिपकली का किसी विशेष समय पर दिखना, जमीन पर या शरीर पर गिरना भविष्य की शुभ-अशुभ घटनाओं का संकेत होता है। इसके अलावा छिपकली शरीर के किस खास हिस्से पर गिरी है इससे भी भविष्य की शुभ-अशुभता जुड़ी होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि छिपकली के शरीर पर गिरने से भी शुभ-अशुभ प्रभावों के बारे में पहचाना जा सकता है। माना जाता है कि पुरुषों के बाए अंगों पर गिरना अशुभ माना जाता है और महिलाओं के दाएं अंग पर छिपकली गिरना अशुभ माना जाता है। पुरुषों के दाएं अंग और स्त्रियों के बाएं अंग पर छिपकली का गिरना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि छिपकली यदि सिर पर गिरे तो उसे किसी मौत का संकेत माना जाता है। व्यक्ति के दाएं कान पर यदि छिपकली गिरे तो उसे गहनों की प्राप्ति हो सकती है और बाएं कान पर गिर जाए तो इसका अर्थ उस व्यक्ति की आयु लंबी होती है।
यदि छिपकली नाक पर गिर जाए तो ये भाग्य में वृद्धि का संकेत माना जाता है और मुंह के पास आ गिरे तो उस व्यक्ति को अच्छा भोजन मिलने की संभावना होती है। गर्दन पर छिपकली गिर जाए तो ये प्रसिद्धि का संकेत माना जाता है। कंधे पर छिपकली के गिरने का संकेत होता है कि आपके नए दुश्मन बन सकते हैं। दाहिने पैर पर यदि छिपकली गिरे तो यात्रा लाभ और बाएं पैर पर गिरने से घर में कलह, दुख और बीमारी का आगमन हो सकता है। छिपकली के दाईं जांघ पर गिरने से सुख मिलता है और बाईं जांघ पर गिरने से शारीरिक कष्ट हो सकता है।