सुप्रीमकोर्ट ने बिहार के क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए खुशी भरा फैसला सुनाया है. बीसीसीआई को दिए गए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को घरेलु क्रिकेट रणजी ट्रॉफी के अलावे अन्य मैच खेलने की इजाजत देने की बात कही है. कोर्ट का साफ कहना है कि यह अंतरिम आदेश क्रिकेट की भलाई के लिए दिया गया है.
सुप्रीमकोर्ट के इस सुप्रीम फैसले के बाद बिहार के क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी ले कर आया है. सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद अब बिहार की क्रिकेट टीम भी रणजी खेलते हुए नजर आयेंगे. जो खिलाड़ी बिहार से बाहर जाकर अन्य राज्यों के लिए खेल रहे हैं और भारतीय टीम के लिए खेल चुके हैं वो भी अपने गृह राज्य के टीम के तरफ से खेल सकते हैं. इस समय बिहार के कई होनहार खिलाड़ी है जो पड़ोसी राज्य झारखण्ड के तरफ से खेल रहे हैं जिसमें अंडर-19 विश्वकप के पूर्व कप्तान इशान किशन, अनुकूल आशीष, शाहबाज नदीम, केशव कुमार, शशीम राठौर, समर कादरी, बाबूल शामिल हैं जो झारखंड के तरफ से खेलते हुए बिहार का नाम रौशन कर रहे हैं.
सुप्रीमकोर्ट में बीसीसीआई के तरफ से वकील ने अपनी दलील देते हुए कहा कि बिहार और झारखंड में विवाद है ऐसे में बिहार को रणजी ट्रॉफी में खेलने की इजाजत देना सही नहीं होगा. हालांकि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि इन दोनों से जुड़े जितने भी विवाद हैं, उन्हें बाद में हम देखेंगे. पहले बिहार को रणजी क्रिकेट खेलने के लिए इजाजत दी जाए. उन्होंने कहा कि बिहार के युवा क्रिकेटरों का हक़ नहीं मार सकते हैं. गौरतलब है कि बिहार 2004 तक रणजी क्रिकेट में खेल रहा था. बिहार ने अपना अपना आख़िरी मुक़ाबला त्रिपुरा के खिलाफ 25 से 28 दिसम्बर तक 2003 को खेला था जो ड्रॉ रहा था.