हैदराबाद की एक इस्लामिक संस्था ने मुस्लिमों के लिए फतवा जारी किया है। फतवे में कहा गया है कि मुस्लिम झींगा, केकड़ा और चिंराट ना खाएं। इन्हें खाना इस्लाम में हराम है। खबर के अनुसार फतवा एक जनवरी को जामिया निजामिया के मुफ्ती मोहम्मद अजीमुद्दीन ने जारी किया है। ये संस्था करीब 142 साल पुरानी है। यह डीम्म यूनिवर्सिटी के अंतर्गत भी आती है। ऐसे में संस्था द्वारा फतवा जारी करने से मुफ्ती मोहम्मद विवादों के घेरे में आ गए हैं।
हालांकि फतवे के खिलाफ अन्य धार्मिक संस्थानों ने अपनी राय जाहिर की है। इनका कहना है कि इस फतवे के पीछे कोई तर्क नहीं है। दरअल फतवे में कहा गया है कि झींगा संधिपाद प्राणी है और यह यह मकरूह तरहीम की श्रेणी में आता है, जो खाना हराम है। मुसलमानों के लिए यह खाना हराम है। फतवे में आगे कहा गया, ‘इसलिए मुस्लिमों को सलाह दी जाती है वह यह सब ना खाएं।’ दरअसल मुफ्ती का कहना है कि इस्लाम में तीन श्रेणी हैं जिसके तहत इन्हें खाना हराम है। ये श्रेणी हैं हलाल, पाबंदी और घृणित हैं।
बता दें कि मकरूह की श्रेणी में एक उपश्रेणी भी है। इसमें ऐसी चीजें भी हैं जिनको खाना घृणित माना जाता है लेकिन उन्हें खाया जा सकता है, जबकि मकरूह तहरीम में आने वाली चीजों को खाने पर पूरी तरह से पाबंदी है। गौरतलब है कि जामिया निजामिया एक मशहूर इस्लामिक शैक्षणिक संस्था है, जिसे कई अन्य देशों में भी प्रतिष्ठित संस्था के रूप में देखा जाता है।