गोवा के जल संसाधन मंत्री विनोद पालियांकर ने नदी के जल विवाद को लेकर शनिवार (13 जनवरी) कर्नाटक के लोगों के लिए अपशब्द का इस्तेमाल कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विनोद पालियांकर ने बाद में मीडिया से अपशब्द को हटाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि बोलते हुए मुंह से अपशब्द निकल गया। रिपोर्टरों से बात करने के बाद वह उत्तरी कर्नाटक के कानकुंबी मंडल में उस जगह पहुंचे जहां से पानी की धारा को मोड़ा गया। उन्होंने कर्नाटक पर गोवा में आने वाले महादयी नदी के पाने को रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि पड़ोसी राज्य राजनीति कर रहा है। उन्होंने बताया कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर कर्नाटक के बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा को इस बारे में विचार-विमर्श करने के लिए पत्र लिख चुके हैं। पत्र में उन्होंने पानी के बंटवारे को मानवीय आधार पर करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि जब वह जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ साइट पर पहुंचे तो देखा कि गोवा के लिए छोड़ा जाने वाला पानी रोका गया था। उन्होंने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री पर्रिकर को सूचना दे गई है। इसी के साथ उन्होंने कर्नाटक के लोगों को अपशब्द कहते हुए कहा कि वह अपने साथ पुलिस को लेकर वहां गए थे क्यों कि उनका भरोसा नही हैं, वे कुछ भी कर सकते हैं।
पालियांकर ने बताया कि उन्होंने कर्नाटक के रिपोर्टरों को बताया कि कर्नाटक सरकार अदालत के आदेश का पालन न करते हुए गंदा काम कर रही है। कर्नाटक महादयी नदी के पानी को मोड़कर गोवा की पहचान के साथ खिलबाड़ कर रहा है। हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि उत्तरी गोवा के कलेक्टर ने भी शनिवार को बेलगाम के अपन समकक्ष अधिकारी को पत्र लिखकर निर्माण कार्य रोकने को कहा है जो कि ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करके किया जा रहा है। गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र विवादित कलसा- बंडूरी बांध परियोजना के विवाद में शामिल हैं जिसके लिए ट्रिब्यूनल बनाया गया है।
क्या है विवाद?
विवाद महादयी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर है। यह नदी बरसात के पानी पर आधारित है। कई झरनों से मिलकर यह नदी बनी है जो कर्नाटक से निकलकर गोवा से होते हुए अरब सागर में मिल जाती है। इस नदी के पानी से उत्तरी कर्नाटक के लिए पेय जल की आपूर्ति होती है। उत्तरी करर्नाटक से गोवा और महाराष्ट्र सटे हुए हैं। गोवा में भी यह पेय जल की आपूर्ति करती है। कर्नाटक इस नदी के पानी को मोड़कर मलप्रभा नदी में मिलाना चाहता है। जिसका गोवा ने विरोध किया था। गोवा सरकार की तरफ से कहा गया था कि अगर पानी मोड़ा गया तो उनके यहां जल संकट गहरा जाएगा।