साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर एक्ट्रेस श्रुति हरिहरन ने कबूला कि वह कास्टिंग काउच की शिकार हुई थीं। श्रुति ने बताया कि कैसे एक प्रोड्यूसर उनके 4 अन्य प्रोड्यूसर्स के साथ समझौता करने को कहता था। श्रुति ने इन बातों का खुलासा इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 में किया। कॉन्क्लेव में ‘सेक्सिज्म इन सिनेमा: टाइम टू एंड पेट्रीआर्की’ के मुद्दे पर बहस हो रही थी। श्रुति हरीहरन ने इस विषय पर खुद के अनुभव को शेयर किया।
श्रुति ने कहा कि, ‘फिल्मों में लड़कियों के किरदार को हमेशा समाज में उसके लिए प्रचलित भावनाओं के आधार पर उतारा जाता है। अधिकतर फिल्मों में लड़कियों को बतौर कमोडिटी शूट किया जाता है, जिससे वह देखने में सुन्दर, सेक्सी लगें और फिल्म चलने की संभावना बढ़ जाए।’ बकौल श्रुति, ‘फिल्मों में महिलाओं को फैसला लेने की भूमिका में नहीं रखा जाता है। मैंने कास्टिंग काउच की स्थिति का सामना किया है। एक कन्नड़ फिल्म के लिए कास्टिंग में गई थी और वहां मुझे ऐसी परिस्थिति में डाल दिया गया। एक प्रोड्यूसर ने फिल्म देने के लिए कहा कि फिल्म में 5 प्रोड्यूसर हैं और वह किसी भी तरह से मेरा इस्तेमाल कर सकते हैं।’
श्रुति ने कहा कि, ‘महिलाओं का चुप रहना अब कोई विकल्प नहीं है। पब्लिक स्पेस महिलाओं के लिए उपलब्ध नहीं है, क्योंकि समाज पूरी तरह से पुरुष प्रधान है, लेकिन फिल्मों में महिलाओं की मौजूदगी से उम्मीद की जा सकती है कि महिलाएं पब्लिक स्पेस में अपने लिए जगह बना रही हैं।’
श्रुति ने आगे कहा, ‘ज्यादातर लड़कियों को कास्टिंग काउच का सामना ‘ना’ कहकर करने की जरूरत है। इसके लिए सिर्फ पुरुषों को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। कास्टिंग काउच से पहला मौका जरूर मिलता है लेकिन इसके सहारे करियर नहीं बनाया जा सकता।’