फिल्म सुपरस्टार रजनीकांत सोमवार (15 मई) को आठ साल बाद अपने प्रशंसकों से मिले। रजनी ने 15 से 19 मई तक आयोजित खास कार्यक्रमों में अपने चाहने वालों के संग तस्वीरें खिंचवाई। भाषण दिया। शुक्रवार (19 मई) को 66 वर्षीय रजनी ने जिस तरह राजनीति पर अपनी राय रखी उससे लगने लगा है कि वो दिन दूर नहीं जब तमिलनाडु के राजनीतिक क्षितिज पर एक और फिल्मी सितारा चमकेगा। रजनी ने शुक्रवार को कहा, “राजनीति में वरिष्ठ लोग हैं, राष्ट्रीय पार्टियां हैं, लेकिन हम क्या करें जब सिस्टम ही खराब हो, लोकतंत्र का क्षरण हो गया हो।” रजनी ने आगे कहा, “सिस्टम को बदलने की जरूरत है, लोगों की सोच बदलने की जरूरत है, तभी देश सही रास्ते पर चलेगा।”
लेकिन रजनी ने ये भी साफ किया कि वो तुरंत राजनीति में नहीं आने वाले। उन्होंने कहा, “मेरा अपना काम है, मेरी रोजगार है। आपको भी अपने काम पर जाना है। अपने घर जाइए और अपना काम कीजिए। लड़ाई का वक्त आएगा तो हम फिर वापस आएंगे।” रजनी ने अपने भाषण में जिस तरह खुद को “विशुद्ध तमिल” बताया उससे भी इस अटकल को बल मिला कि वो तमिल राजनीति में आने का मन बना रहे हैं।
रजनी को शायद इस बात का अंदाजा है कि उनके राजनीति में आने पर विरोधी उनके जन्मजात तमिल न होने का सवाल उठाएंगे। रजनी ने अपने प्रशंसकों से कहा, “मुझसे हमेशा पूछा जाता है कि क्या मैं तमिल हूं। मैं 66 साल का हूं। मैं कर्नाटक में 22 साल रहा और 44 साल तमिलनाडु में। हो सकता है कि मैं यहां मराठी या कन्नड़ के तौर पर आया हूं लेकिन आप सबने मुझे प्यार, सम्मान और शोहरत दी। आपने मुझे तमिल बना दिया। मैं विशुद्ध तमिल हूं।”
इससे पहले सोमवार (15 मई) को रजनीकांत ने राजनीति में आने के सवाल पर अपने प्रशंसकों से कहा था कि अगर भगवान की मर्जी हुई तभी वो राजनीति में आने के बारे में सोचेंगे। लेकिन रजनी यह जोड़ना नहीं भूले कि “अगर में राजनीति में आया तो पैसे कमाने के लिए राजनीति में आने वालों को नहीं साथ नहीं लूंगा।” रजनीकांत ने 1996 के तमिलनाडु विधान सभा चुनाव में जयललिता के एआईएडीएमके की आलोचना को भी अपनी भूल बताया। रजनी ने कहा कि 20 साल पहले एक राजनीतिक गठबंधन का समर्थन करके भूल की थी, वो राजनीतिक दुर्घटना की थी। माना जाता है कि रजनी की आलोचना के कारण जयललिता को चुनाव में एम करुणानिधि के डीएमके से हार का सामना करना पड़ा था।