आंखें हमारे शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अगर आंखों की सेहत का ठीक तरह से ख्याल न रखा जाए तो कम उम्र में ही नजरों में दोष की समस्याएं सामने आने लगती हैं। ऐसे में नजर का चश्मा लगना मजबूरी हो जाती है। अगर अपने नियमित के खान-पान पर थोड़ा सा ध्यान रख लें तो शायद चश्मा लगाने की नौबत न आए। हम चाहे जो भी चीज खाते हों उसका सीधा असर हमारी आंखों की सेहत पर पड़ता है। इसलिए अगर हम अपनी डाइट में ऐसे आहारों को शामिल करें जो हमारी आंखों को उचित पोषण दे सकें तो तो आगे आंखों पर बढ़ती उम्र के कारण होने वाले असर को भी कम कर सकते हैं। साथ ही साथ नजरदोष, मोतियाबिंद आदि आंखों की बीमारियों से भी बच सकते हैं।
विटामिन ए – यह आंखों के लिए सबसे महत्वपूर्ण विटामिन होता है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो हमारी आंखों, हड्डियों और प्रतिरक्षा तंत्र के लिए काफी लाभदायक होते हैं। विटामिन ए हमारी आंखों की ऊपरी परत कार्निया की सुरक्षा करती है तथा आंखों की रौशनी बढ़ाने में भी मददगार होती है। संतरे, पालक, धनिया की पत्ती, पुदीना, मेथी, कद्दू और गाजर आंखों के लिए पोषण प्रदान करने वाले आहार होते हैं।
विटामिन सी – विटामिन सी शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स का भरपूर भंडार होता है। यह रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है। रेटिना में रक्त का प्रवाह सुगम करने के लिए विटामिन सी का सेवन करना फायदेमंद होता है। कई तरह के शोधों से यह बात प्रमाणित हो चुकी है कि विटामिन सी का सेवन मोतियाबिंद और अंधेपन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बंदगोभी, धनिया की पत्ती, शिमला मिर्च, हरी मिर्च, अमरूद और आंवला विटामिन सी के महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं।
फोलिक एसिड – फोलिक एसिड नई कोशिकाओं का निर्माण करने में काफी लाभकारी होता है। इसकी कमी की वजह से एनीमिया होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। साथ ही साथ आंखों से संबंधित नसों में विकार उत्पन्न होने का खतरा भी बढ़ जाता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, पुदीना, पालक, अखरोट आदि फोलिक एसिड के महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं।
विटामिन ई – विटामिन ई हमारी आंखों और रेटिना पर पाया जाता है। इसकी कमी की वजह से मोतियाबिंद होने का खतरा बढ़ जाता है। वनस्पति तेलों, अनाजों, बादाम और सूरजमुखी के बीजों में विटामिन ई की काफी मात्रा पाई जाती है।