क्रिकेट अनिश्चिताओं का खेल है। कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। आखिरी गेंद पर भी पासा पलट सकता है। भारत और वेस्टइंडीज के बीच 5 वनडे सीरीज का पहला मैच भले ही बारिश के कारण धुल गया हो। लेकिन एक मैच एेसा भी था, जब विडींज टीम ने भारत को मात्र 1 रन से हार दिया था। तारीख थी 20 मई 2006। जगह-जमैका के किंगस्टन स्थित सबीना पार्क। भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर गई थी। पांच वनडे सीरीज का यह दूसरा मैच था। कैरिबियाई धरती पर खेलने गई इस टीम में राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, इरफान पठान, युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ और एमएस धोनी जैसे प्लेयर थे।
पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज की टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में 198 रनों का लक्ष्य रखा था। विंडीज टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और धाकड़ बल्लेबाज क्रिस गेल महज 8 गेंदें खेलकर शून्य पर आउट हो गए। टीम के लिए रामनरेश सरवन ने 138 गेंदों पर 98 रन बनाए थे। बाकी कोई अन्य प्लेयर 25 से ज्यादा रन भी नहीं बना सका था। 105 रनों पर वेस्टइंडीज के 6 विकेट गिर चुके थे। सबको यही लग रहा था कि टीम शायद 150 रन से पहले ही सिमट जाएगी। लेकिन ब्रैडशॉ और बॉग ने अंतिम ओवरों में कुछ अच्छा खेल दिखाकर टीम के स्कोर को 198 तक पहुंचाया।
मामूली लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की हालत भी वैसी ही रही। जब टीम का स्कोर 25 रन था, तब वीरेंद्र सहवाग 12 रन बनाकर आउट हो गए। दूसरा झटका टीम को राहुल द्रविड़ (11) के तौर पर लगा। तीसरे नंबर पर आए अॉलराउंडर इरफान पठान भी चल नहीं पाए और 32 गेंदों में 14 रन पर एडवर्ड्स की गेंद पर आउट हो गए। इसके बाद आए युवराज सिंह, जिन्होंने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए टीम के स्कोर को आगे बढ़ाया। एक छोर पर भारतीय विकेट्स गिरते रहे, लेकिन युवराज सिंह अंत तक डटे रहे।
48वें ओवर में टीम को 12 गेंदों पर 12 रनों की जरूरत थी। स्कोर था 187/8। क्रीज पर युवराज के साथ थे हरभजन सिंह, लेकिन वह इस ओवर की पहली ही गेंद पर क्रिस गेल के हाथों लपक लिए गए। भारतीय टीम का नौवां विकेट गिर चुका था। वेस्टइंडीज फैन्स खुशी मना रहे थे। इसके बाद क्रीज पर आए मुनाफ पटेल, जिन्होंने 2 गेंदों डॉट खेलकर अगली गेंद पर एक रन लेकर युवराज को स्ट्राइक दी। जीत के लिए अब चाहिए थे 7 गेंदों पर 11 रन। अंतिम बॉल पर युवराज रन नहीं ले पाए और आखिरी ओवर में खेलने की बारी आई पटेल की।
उन्होंने पहली गेंद पर रन लेकर युवराज को स्ट्राइक दी। दूसरी गेंद पर उन्होंने ड्वेन ब्रावो की गेंद पर चौका जड़ दिया। अब 4 गेंदों में 6 रनों की जरूरत थी। अगली गेंद पर भी युवराज के बल्ले से एक दनदनाता हुआ चौका निकला। अब सिर्फ जीत के लिए 2 रनों की जरूरत थी। कप्तान ब्रायन लारा ब्रावो से बात करने आए। भारतीय खेमे में भी चिंता साफ दिख रही थी। लेकिन अगली गेंद ब्रावो ने स्लो फेंकी, जिसे युवराज समझ नहीं पाए और बोल्ड हो गए। वेस्टइंडीज टीम और फैन्स खुशियां मनाने लगे। युवराज सिंह क्रीज पर मायूस होकर बैठ गए। यह सीरीज 1-1 से खत्म हुई थी।