झक्कास एक्टर अनिल कपूर बॉलीवुड के ऐसे हीरो हैं जिनकी बढ़ती उम्र का कोई असर नहीं दिखता। 60 साल की उम्र में भी उनमें यंगस्टर्स जैसी एनर्जी है। अनिल कपूर का फिल्मी करियर फिल्म ‘हमारे तुम्हारे’ से एक छोटे के किरदार से हुई थी। उनके हार्डवर्क और बेहतरीन एक्टिंग की वजह से उनका नाम बी-टाउन में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अनिल कपूर ने अपनी लाइफ में कई चीजें सिर्फ इसलिए सीखीं ताकि वो फिल्म में अच्छे से निभा पाएं? नहीं जानते तो कोई बात नहीं चलिए आज हम बताते हैं आखिर घुड़सवारी, तैराकी से लेकर कैसे हारमोनियम बजाना तक सीख गए अनिल कपूर।
वैसे तो बी-टाउन में सभी एक्ट्रेस और एक्टर्स अपने रोल को परफेक्ट बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते, चाहे उसके लिए कोई नई चीज क्यों न सीखनी पड़े। जिसमें सबसे पहला नाम मि. परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले आमिर खान का याद आता है। आमिर अक्सर अपनी फिल्मों के लिए नए एक्सपेरिमेंट करते हैं। फिल्म दंगल के लिए भी उन्होंने अपनी बॉडी के साथ काफी हैरान करने वाला एक्सपेरिमेंट किया था। वैसे ही अनिल कपूर भी अपने रोल के लिए नई चीजें सीखते हैं।
दरअसल अनिल कपूर अपने रोल को इतने शिद्दत से निभाते हैं कि उसमें कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। अनिल कपूर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उन्होंने घुड़सवारी, तैराकी और हारमोनियम बजाना इसीलिए सीखा था क्योंकि उन्हें उससे जुड़ा रोल निभाना था। यहां तक कि अनिल कपूर रियाज भी करते थे।
इंटरव्यू के दौरान जब उनसे रियाज के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने जवाब में कहा था कि हां मैं रियाज भी किया करता था। ‘वो सात दिन’ में मैं संगीत निर्देशक बनने बंबई आता हूं। मेरे पास हमेशा एक हारमोनियम रहता है। आप देखेंगे कि मैं उस हारमोनियम में बहुत कम्फ़र्टेबल महसूस करता हूं।
बताते चलें कि ‘वो सात दिन’ की शूटिंग 1982 में हुई थी। मैंने 1977-78 में छोटे इकबाल साहब से संगीत सीखा था। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से ही काम को पूरे जुनून के साथ किया करता था।
अगर काम ढंग से न हो रहा हो तो लगता है कि मज़ा नहीं आ रहा है। इसी तरह मैंने घुड़सवारी और तैराकी भी सीखी। मैंने कोई भी चीज़ इतनी ही सीखी कि जब मैं स्क्रीन पर आऊं तो लगे कि मुझे ये चीज़ आती है।