अनिल कपूर को आपने अक्सर मूंछों में देखा होगा। करियर के शुरुआती 11 सालों में उन्होंने मूछों के साथ 50 फिल्में कीं। लेकिन जब बात मनपसंद रोल करने की आई, तो उन्हें अपनी मर्दानगी से समझौता करना पड़ा। फिल्म में काम करने के लिए अनिल को तब अपनी मूंछें कटानी पड़ी थीं। बात पुरानी है, नब्बे के दशक के आसपास की। मशहूर डायरेक्टर यश चोपड़ा फिल्म बना रहे थे। नाम था- लम्हे। अमिताभ बच्चन पहले इसके लिए पसंद किए गए। मगर बाद में वह किरदार के हिसाब से जमे नहीं। अब चोपड़ा साहब नौजवान एक्टर तलाश रहे थे।
फिल्म की राइटर हनी ईरानी ने उन्हें कुछ फोटो दिखाए। उनमें एक फोटो पर लिखा था कि “एक न्यूकमर, जो आपकी फिल्म करना चाहता है।” यह फोटो किसी और का नहीं बल्कि अनिल कपूर का था। चोपड़ा साहब ने इस बारे में सोचा भी नहीं था। चूंकि तब अनिल काफी बड़े स्टार थे। वह फिल्म में किरदार से भी बड़े लग रहे थे। मगर अनिल को वह रोल इतना पसंद आया था कि वह उसके लिए कुछ भी करने को राजी हो गए थे। फिर क्या था, चोपड़ा साहब ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया।
अनिल समझाने पर मान नहीं रहे थे। सिर्फ उस किरदार को निभाने के लिए रट लगाए थे। चोपड़ा साहब ने अचानक पूछा- मूंछें कटाओगे? अब अनिल के सामने बड़ी मुश्किल आकर खड़ी हो गई। मनपसंद रोल के लिए फिल्म भी करना चाहते थे। लेकिन दूसरी तरफ सवाल भी था कि क्या दर्शक पसंद करेंगे। चूंकि 11 सालों के करियर में 50 फिल्में उन्होंने मूंछों के साथ ही की थीं। फिर भी अनिल ने रिस्क लिया और अगले दिन शूट पहुंचे। उन्हें देख हर कोई हैरान था, जनाब मूंछें कटाकर जो सेट पर पहुंचे थे। बारी आई अनिल और श्रीदेवी के फोटोशूट की। फोटो खिंचाए गए, जिसके बाद चोपड़ा साहब ने उनके फेसकट की तारीफ की और कहा था- जोड़ी वाकई में अच्छी लग रही है।