लुधियाना की एक अदालत ने बॉलीवुड एक्ट्रेस राखी सावंत की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट में पेश ना होने की वजह से उनके खिलाफ फ्रेश अरेस्ट वारंट जारी कर दिया है। 8 अगस्त को एक्ट्रेस को धार्मिक भावनाएं आहत करने की वजह से कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था लेकिन वो पेश नहीं हो पाईं। न्यायिक मजिस्ट्रेट विश्व गुप्ता नें इस मामले में अगली तारीख 5 सिंतबर की दी है। राखी के वकील ने इस मामले में जिला सेशन जज गुरबीर सिंह के पास जमानत अवधि बढ़ाए जाने की अर्जी दाखिल की है क्योंकि एक्ट्रेस इस समय अमेरिका में हैं।
इससे पहले लुधियाना कोर्ट ने शनिवार (5 अगस्त) को राखी सावंत को पवित्र महाकाव्य रामायण के लेखक महर्षि वाल्मिकी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में जमानत दे दी थी। लेकिन उन्हें सोमवार 7 अगस्त तक ट्रायल कोर्ट में आत्म समर्पण करने के लिए कहा गया था। राखी को जमानत देते हुए सेशन जस्टिस गुरुबीर सिंह ने कहा था कि सावंत को 7 अगस्त तक न्यायिक मजिस्ट्रेट विश्व गुप्ता के सामने सरेंडर करना होगा। इससे पहले भी एक्ट्रेस के खिलाफ गैरजमानती वॉरंट जारी किया जा चुका है क्योंकि वे सुनवाई के दौरान कोर्ट में नहीं पहुंची थीं।
न्यायिक मजिस्ट्रेट ने लुधियाना के पुलिस आयुक्त को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि राखी सावंत 7 जुलाई को अदालत में उपस्थित हों लेकिन वे सुनवाई के लिए नहीं पहुंची और उनके खिलाफ गैरजमांती वॉरंट जारी कर दिया गया। एडवोकेट नरिंदर आदित्य ने सावंत के खिलाफ पिछले साल 9 जुलाई को शिकायत दर्ज करवाई थी। दावा किया था कि एक निजी टीवी चैनल पर एक कार्यक्रम के दौरान उनकी टिप्पणियों ने वाल्मीकि समुदाय की भावनाओं को आहत किया था।
न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने इस साल 9 मार्च को राखी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। राखी ने एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा था, मैंने बचपन में पढ़ा था कि वाल्मिकी जी एक डाकू से एक संत बन गए, मीका जी भी उसी तरह बदल गए। इस टिप्पणी के बाद वाल्मिकी समुदाय के लोगों ने अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किया था। वहीं अरेस्ट वॉरंट जारी होने के बाद राखी सावंत ने कहा था कि वह बेकसूर है, जो सोशल वर्क करने में विश्वास करती हैं।