ब्यूरो S.I.न्यूज़ टुडे-(पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह): गोण्डा जिले में इलाहाबाद बैंक में हुए 50 लाख लूट काण्ड में पुलिस की नाकामी ने कहीं न कहीं अपराधियों के हौसले बुलंद किये हैं। दिन दहाड़े फिल्मी अंदाज में किये गए लूट की पुलिस हर पहलू से जांच कर के थक चुकी है। पुलिस अधीक्षक महोदय की बातें सुनकर ऐसा लग रहा है कि यह कोई अधिकारी न होकर एक पुलिस के प्रवक्ता मात्र हैं। लूट के खुलासे में असफल पुलिस इस नाकामी को छुपाने के लिए और अपनी खीझ को मिटाने के लिए आस पास के गांव देहात में जाकर गैर आपराधिक छवि के लोगों को भी परेशान कर रही है। सूत्रों की मानें तो गोण्डा जिले के आस पास के कई गांव से यह सुनने को आ रहा है कि स्थानिय थाने की पुलिस दिन या रात कभी भी आकर गांव के युवकों को परेशान करती है और जांच के नाम पर परिवारजन से अभद्रतापूर्ण व्यहवार भी करती है। दिन दहाड़े शहर में इस तरह की वारदात से तो लोग डरे सहमे हैं ही ऊपर से जांच के नाम पर पुलिस द्वारा की जा रही अभद्रता से भी लोगों के मन मे खौफ व्याप्त हो रहा है। जिले में काफी समय से मौज काट रहे नामी पुलिस अधिकारी जो चौराहों पर स्कूल कॉलेज के बच्चों के ऊपर रौब झाड़ कर अपनी पीठ थप-थपाते नज़र आते थे अब उन महोदय की भी सारी काबिलियत इस लूट कांड में धरि की धरी रह गयी।
गोरखपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल द्वारा फटकार खाने पर भी जिले के पुलिस कर्मचारियों पर फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है। आज भी जिले के सबसे नामी पुलिस अधिकारी डण्डा लेकर टेम्पो स्टैंड पर टेम्पो को दौड़ाते नज़र आ जाते हैं। जिले में इस सरीखे कि लूट की गुत्थी इस तरह के अधिकारियों से सुलझने से रही। बरहाल अब लूट कांड के अपराधियों को पकड़ने के लिए एस.टी.एफ ने जिले में हफ्तों से डेरा डाल रखा है। एस.टी.एफ भी आये दिन शक के बिनाह पर लोगों को उठाती है और फिर बाद में पुलिस अधीक्षक जी प्रवक्ता बन कर स्पष्टिकरण देते नजर आते हैं। पुलिस अधीक्षक महोदय हर बार यह कहते हैं कि कोई निर्दोष जेल नहीं जाएगा लेकिन महोदय इस बात पर कभी जोर नहीं देते के जांच के नाम पर और वहां चेकिंग के दौरान भी लोगों से अभद्रतापूर्ण व्यहवार नहीं करना चाहिए।