प्रेग्नेंसी हर महिला के जीवन का सबसे संवेदनशील वक्त होता है। ये ऐसा समय होता है जब उन्हें कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती हैं जिससे न सिर्फ उनका स्वास्थ्य बेहतर बना रहे बल्कि उनके बच्चे की सेहत पर भी कोई प्रतिकूल असर न पड़े। ऐसे में उन्हें अपनी डाइट के साथ अपनी आदतों में भी बदलाव लाने पड़ते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान हर महिला को कोई भी भारी या रिस्की काम करने की मनाही होती है। इसके साथ उन्हें चिंता करने या फिर तनाव में रहने के लिए भी मना किया जाता है। गर्भावस्था में महिला का तनाव में रहना गर्भपात का खतरा बढ़ा देता है।
हाल ही में लंदन में हुए एक शोध में यह दावा किया गया है कि प्रेग्नेंसी में तनाव की समस्या की वजह से महिलाओं में गर्भपात के खतरे बढ़ रह रहे हैं। शोध में कहा गया है कि जिन महिलाओं ने प्रेगनेंसी के दौरान तनाव लिया उनके साथ गर्भपात की संभावना कई फीसदी तक बढ़ गई। इसके अलावा चीन में हुए एक अन्य शोध में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव लेने वाली महिलाओं में गर्भपात का खतरा तकरीबन 42 फीसदी तक बढ़ जाता है। इसके पहले भी कई तरह की रिपोर्ट्स में इस तरह के खुलासे सामने आए थे।
इन सारी रिपोर्टेस को ध्यान में रखते हुए प्रेग्नेंट महिलाओं को सजग हो जाने की जरूरत है। उन्हें चाहिए कि ऐसी हालत में वो ज्यादा से ज्यादा खुश रहने की कोशिश करें। तनाव से दूर रहने की कोशिश करें। किसी भी तरह के घरेलू काम से छुट्टी लेकर ज्यादा से ज्यादा आराम करें। इस दौरान तनाव से दूरी बनाने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है। शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व देने वाले आहारों का सेवन करें ताकि शरीर ऊर्जा से भरपूर रहे। इसके बाद भी अगर किसी तरह की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।