आईसीसी महिला विश्व कप में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की हार से निराश कप्तान मिताली राज का कहना है कि महिलाओं के लिए आईपीएल के आयोजन का यह सही समय है। मिताली ने कहा कि भारत में महिला बिग बैश लीग जैसी लीग की शुरुआत होनी चाहिए। इससे महिला क्रिकेट खिलाड़ियों को अच्छे प्रदर्शन का अनुभव मिलेगा और वे अपने खेल में सुधार कर पाएंगी। लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंट पर रविवार को खेले गए फाइनल मैच में इंग्लैंड ने भारत को नौ रनों से हरा दिया। मिताली ने कहा, “डब्ल्यूबीबीएल में मिले अनुभव से हमारी टीम की दो खिलाड़ियों स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत कौर के खेल में बहुत सुधार हुआ है। अगर अधिक से अधिक खिलाड़ी इस प्रकार की लीग में हिस्सा लेंगी, तो इससे उन्हें अच्छा अनुभव हासिल होगा, जो टीम के खेल में सुधार करेगा। अगर आप मुझसे पूछें, तो यह समय महिलाओं के लिए आईपीएल की शुरुआत का सबसे सही समय है।”
हार से मिली निराशा के बावजूद कप्तान मिताली ने इस टूर्नामेंट में अपनी टीम के सफर को खास बताया। उन्होंने कहा, “एक कप्तान के तौर पर मैं गौरवान्वित हूं। मैंने अपनी टीम में बदलाव देखा है। हमने इस टूर्नामेंट की अच्छी शुरुआत की थी। खिताबी मैच में टीम की खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।” भारतीय टीम को मिली हार के पीछे का कारण बताते हुए मिताली ने कहा, “हर कोई घबराया हुआ था और शायद यही हमारी हार का कारण है। खिलाड़ी अधिक निराश हैं, क्योंकि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। यह स्वाभाविक है, इसमें समय लगेगा। इन खिलाड़ियों ने भारत में महिला क्रिकेट के स्तर को बढ़ाने हेतु नए आयाम तय किए हैं और इस पर सभी को गर्व होना चाहिए।”
फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए नताली स्काइवर के 51 रन और सारा टेलर के 45 रनों की मदद से निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट खोकर 228 रन बनाए थे। भारतीय महिला टीम एक समय तक इस लक्ष्य को हासिल करती दिख रही थी, लेकिन अंत में इंग्लैंड ने लगातार विकेट लेते हुए उसे ऐतिहासिक जीत से महरूम रखा और भारत के हाथ से जीता-जीताया मैच छीन लिया। भारत के लिए सलामी बल्लेबाज पूनम राउत ने सार्वधिक 86 रन बनाए जबकि सेमीफाइनल में शताकीय पारी खेलने वाली हरमनप्रीत कौर ने 51 रनों का योगदान दिया। इन दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 95 रनों की साझेदारी की। अंत में वेदा कृष्णामूर्ति ने 35 रनों का पारी खेलते हुए टीम को जीत दिलाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाईं।