सचिन तेंदुलकर की बायोपिक सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स रिलीज हो चुकी है। बॉक्स ऑफिस पर ओपनिंग डे ही इसने सबसे ज्यादा कमाई करने वाली डॉक्यु ड्रामा फिल्म बनकर इतिहास रच दिया था। वहीं उनके 85 साल के बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर ने भी उनकी फिल्म अपनी बेटी विशाखा दाल्वी और पोते वैदिक मुरकर के साख देखी। उनकी फिल्म के दौरान आचरेकर की भावनाओं के बारे में विस्तार से उनकी बेटी ने मिड डि को बताया। उन्होंने बताया कि वो कल कगौरान्वित कोच हैं और उनके लिए सचिन हमेशा स्पेशल रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि फिल्म से उनका कौन सीन भावुक वाला रहा तो विशाखा ने कहा- वो एंदुलकर सीन (यह वो समय था जब सचिन को लग रहा था कि उनका करियर अब खत्म हो गया है। यह तीन महीने का समय था।) को देखकर काफी भावुकत हुए।
यह साल 2007 के वर्ल्ड कप हारने के बाद का सीन था। जब भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रहे ग्रेग चौपल के भाई इयान चैपल ने सचिन तेंदुलकर पर एक तरह से हार का ठीकरा फोड़ा था। उन्होंने सचिन को लेकर बयान दिया था कि कि उन्हें आइने में खुद को देखकर सन्यास लेने के बारे में सोचना चाहिए। आचरेकर की बेटी ने कहा- मेरे पिता कुछ बोले नहीं लेकिन उनके एक्सप्रेशन ने सब कुछ कह दिया था। उन्हें फिल्म काफी पसंद आई और हमेशा की तरह उन्हें सचिन पर गर्व हुआ। उन्होंने बचपन से उन्हें बढ़ते हुए देखा है। लेकिन जब एंदुलकर वाला हिस्सा दिखा तो वे काफी भावुक हो गए।
दाल्वे ने बताया कि किस तरह से दूसरे मेहमानों की बजाए सचिन ने अपने कोच को ज्यादा महत्ता दी। सचिन ने फोटो खींचवाने से पहले अपने कोच के पास आकर उनके पैर छुए। यह उनका बहुत बड़ा दिन था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने मेरे पिता का खास ध्यान रखा। मेरे पिता और तेंदुलकर फिल्म को साथ देखकर काफी खुश थे। फिल्म खत्म होने के बाद वो मेरे पिता को गाड़ी तक छोड़ने के लिए आए।
क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन से गहरी छाप छोड़ चुके महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर अपने जीवन के शुरुआती दो मैचों में जीरो पर आउट हुए हैं। उन्हें यह प्रदर्शन इतना खटका कि नन्हें सचिन ने नाक बचाने के लिए उस वक्त काफी दलीलें भी दीं।