शम्मी कपूर अपने समय के एक बेहतरीन बॉलीवुड एक्टर माने जाते थे। उन्होंने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं हैं। शम्मी कपूर की लगभगर हर एक्ट्रेस दीवानी थीं। लेकिन शम्मी कपूर एक्ट्रेस गीता बाली के इश्क में पड़े थे। 1955 में फिल्म ‘रंगीन रातें’ के सेट पर गीता बाली से शम्मी कपूर की पहली मुलाकात हुई थी। इस फिल्म में गीता बाली का छोटा सा रोल रोल था लेकिन शम्मी फिल्म के लीड रोल में थे। इसी दौरान दोनों एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए और चार महीने बाद ही मुंबई के बान गंगा मंदिर में शादी कर ली। शादी के एक साल बाद ही जुलाई 1956 को दोनों एक बेटे के मात-पिता बने। उन्होंने अपने बेटे का नाम आदित्य राज कपूर रखा। साल 1965 में गीता बाली की मौत हो गई जिसके बाद शम्मी कपूर पूरी तरह से टूट गए थे। शम्मी कपूर उस दौरान डिप्रेशन में चले गए थे और उन्होंने खाना-पीना भी छोड़ दिया था।
शम्मी कपूर के बच्चे उस समय काफी छोटे थे। इस वजह से शम्मी के घरवाले चाहते थे कि वह दोबारा शादी कर लें। उनके घरवाले चाहते थे कि शम्मी नीला देवी से शादी करें। कई दिन मना करने के बाद इस शादी के लिए आखिरकार शम्मी कपूर तैयार हो गए। शम्मी ने एक रात नीला देवी से फोन पर बात की। शम्मी कपूर के देहांत के बाद एक बेवसाइट को दिए अपने इंटरव्यू में नीला देवी ने इस बारे में जिक्र किया था।
नीला देवी ने कहा कि उन्होंने मुझसे रातभर बात की। इस दौरान वो गीता बाली और अपने बच्चों के बारे में मुझसे बात करते रहें। शम्मी कपूर ने नीला से कहा कि वह उनसे ठीक वैसे ही शादी करेंगे जैसे कि उन्होंने गीता बाली के साथ की थी। इसके साथ ही शम्मी ने उनके सामने जिंदगी भर मां ना बनने की शर्त भी रखी। शम्मी चाहते थे कि वह उनके बच्चों को अपने बच्चे की तरह माने।