महाराष्ट्र सरकार सचिवालय में चूहों के खतरे से निपटने के लिए मई 2016 में तीन लाख से अधिक जहरीले टैबलेट रखे गए थे। यह स्पष्टीकरण आज एक मंत्री ने दी और स्पष्ट किया कि इस प्रयास में इतनी संख्या में चूहे नहीं मारे गए थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने पिछले हफ्ते मंत्रालय या राज्य सचिवालय में चूहों को मारने के लिए जो ठेका दिया गया था उसकी जांच की मांग की थी जिसके बाद मंत्री ने यह स्पष्टीकरण दिया।
खडसे ने22 मार्च को विधानसभा में पूछा था कि मंत्रालय में तीन लाख19 हजार400 चूहों को मारने के लिए जिस कंपनी को काम सौंपा गया था उसने महज सात दिनों में यह काम कैसे पूरा कर लिया? निचले सदन में आज इस मुद्दे पर लोक निर्माण विभाग मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा, ‘‘ चूहों को खत्म करने के लिए तीन लाख19 हजार400 जहरीले टैबलेट रखे गए थे न कि इतनी संख्या में चूहे मारे गए थे।’’
उन्होंने कहा कि दक्षिण मुंबई के सचिवालय परिसर में टैबलेट रखने का ठेका मेसर्स विनायक मजूर सहकारी संस्था को दिया गया था। लेकिन इसे तीन मई और नौ मई2016 के बीच एक हफ्ते में किया गया। खडसे ने पिछले हफ्ते कहा था, ‘‘ एक सर्वेक्षण में पाया गया कि सचिवालय में तीन लाख19 हजार400 चूहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने काम का आदेश जारी किया था। कंपनी को छह महीने का वक्त दिया गया। लेकिन उसने महज सात दिनों में उन्हें मारने का दावा किया।’’