जसप्रीत बुमराह को 2013 से शायद ही कोई पहचानता हो लेकिन आज इस खिलाड़ी ने अपनी गेंदबाजी के दम पर टीम इंडिया में अपनी खास जगह बना ली है। बल्लेबाज इनकी गेंदों से घबराते हैं। डेथ ओवरों में जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी इतनी शानदार होती है कि कई अहम मैचों में अंतिम ओवर इन्हें ही थमाए गए और देश की उम्मदों पर ये खिलाड़ी खरा भी उतरा। आज आप जसप्रीत बुमराह को इस मुकाम पर देखते हैं लेकिन क्या जानते हैं कि यहां तक पहुंचने के लिए इस 23 वर्षीय क्रिकेटर ने किन-किन कठिन परिस्थितियों का सामना किया।
जसप्रीत का जन्म 6 दिसंबर 1993 को अहमदाबाद में हुआ। पिता जसबीर सिंह का खुद का बिजनेस था, जबकि मां दलजीत प्राइमरी स्कूल में प्रिंसिपल थीं। जब जसप्रीत महज 7 साल के थे तो सिर से पिता का साया उठ गया। मां ने जसप्रीत और बेटी को खुद पाला-पोसा। मां जिस स्कूल की प्रिंसिपल थी वहीं जसप्रीत की प्रारंभिक शिक्षा पूरी हुई।
क्रिकेट के प्रति रुझान था तो शुरुआत घर से ही की। जसप्रीत दिनभर दीवार पर लगातार गेंदबाजी करता रहता। एक दिन मां ने तंग आकर कहा कि अगर खेलना है तो ऐसे बॉल फेंकों की ज्यादा शोर ना हो। इसके बाद जसप्रीत ने नायाब तरीका निकाला और वह दीवार की जगह फ्लोर स्कर्टिंग (फ्लोर को जोड़ने वाले निचले छोर) पर बॉल फेंकने लगा। यहीं से जसप्रीत ने यॉर्कर गेंदबाजी सीखी।
जसप्रीत बुमराह ने आईपीएल में अपना डेब्यू मैच 4 अप्रैल 2013 को मुंबई इंडियन्स की ओर से रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ खेला। इसमें उन्होंने 32 रन देकर 3 विकेट झटके। वह पहले प्लेयर रहे जिसने अपने डेब्यू मैच में 3 विकेट झटके। इस गेंदबाज ने 15 वनडे मैचों में 4.74 की इकॉनमी के साथ 26 विकेट लिए हैं। इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 22/4 रहा। वहीं बात अगर टी20 की करें तो जसप्रीत ने 24 मैचों में 33 विकेट अपने नाम किए हैं।