हिंदू शास्त्रों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अधिक मेहनत करने की आवश्यकता नहीं होती है। भोलेनाथ अपने भक्तों की सच्ची आस्था से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। मान्यता है कि ये जितना जल्दी प्रसन्न होते हैं उतना ही तेजी से शिव को क्रोध आता है। इसी के साथ माना जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए जाप किया जाना एक महत्वपूर्ण क्रिया होती है। हर पूजन में जिस प्रकार खास विधि अपनाई जाती है उसी प्रकार जाप करने के भी कुछ नियम होते हैं।
शिवपुराण के अनुसार ईश्वर आराधना के लिए कुछ नियम बताए गए हैं जिससे भक्ति सफल होती है। भगवान शिव की आराधना करते समय सबसे पहले स्नान करने के बाद शिवलिंग को जल अर्पित करने के पश्चात कुछ देर शिव स्तुति का पाठ किया जाना लाभदायक माना जाता है और फिर दक्षिणा करने से व्यक्ति की पूजा सफल होती है। माना जाता है कि शिव को चावल अर्पित करने से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। भोलेनाथ भक्त के द्वारा चढ़ाए गए जल के एक लोटे से भी प्रसन्न हो जाते हैं, इसी कारण से उन्हें भोलेनाथ कहा जाता है।
शिवपुराण में पापों से छुटकारा पाने के लिए उपाय बताए गए हैं मान्यता है कि भगवान शिव को तिल अर्पण करने से वो व्यक्ति के पापों को माफ कर देते हैं। घर में सुख-सुविधा के लिए भगवान शिव को जौं अर्पित किए जाते हैं। संतान प्राप्ति के लिए गेंहू का दान किया जाता है। बीमारी या किसी रोग से छुटकारा पाने के लिए शिवलिंग पर श्रद्धापूर्वक जल अर्पित किया जाता है। आयु वृद्धि के लिए भगवान शिव को दूर्वा घास चढ़ाई जाती है। कारोबार और नौकरी में पद पाने के लिए भगवान शिव को दूध अर्पित किया जाता है, शिव को दूध अर्पित करते हुए उनका ध्यान करें और उसके बाद अन्न-दान गरीबों और जरुरतमंदों में करने से शिव प्रसन्न होते हैं।