गायिका सोना महापात्रा के गाने पर विवाद बढ़ने के बाद उनकी वकील ने सफाई दी है. बता दें कि गायिका सोना मोहपात्रा ने खुद को मदारिया सूफी फाउंडेशन द्वारा मिली धमकियों के बाद सोशल मीडिया पर पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है. सोमवार को सोना मोहपात्रा ने अपने ट्विटर पर कई ट्वीट्स पर इस फाउंडेशन द्वारा दी जा रही धमकियों के बारे में मुंबई पुलिस को बताया. इसके साथ ही उन्होंने अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत भी कर दी है. गायिका सोना मोहपात्रा का कहना है कि मदारिया सूफी फाउंडेशन ने उन्हें एक नोटिस भेजा है और धमकियां दी है कि वह अपना नया वीडियो सभी जगह से हटा लें, क्यों वह सूफी फॉर्मेट के हिसाब से सही नहीं है.
सोना की वकील एच वखारिया ने कहा है, ‘सोना ने यह वीडियो मशहूर कवि अमीर खुसरो की कविता के आधार पर बनाया है. कुछ लोग कह रहे हैं कि सोना ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, क्यों इस गाने के दौरान उनकी ड्रेस सही नहीं थी. कानूनी रूप से उनके पास सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट है और अगर उन्होंने गलत कपड़े पहने होते तो बोर्ड इस गाने को मान्यता नहीं देता. ‘
सोना के अनुसार इस फाउंडेशन को इस बात से एतराज है कि वह अपने इस वीडियो में सूफी गानें में ‘स्लीवलैस ड्रेस और शरीर दिखाने वाली डांसर्स’ के साथ नजर आ रही हैं.
सोना मोहपात्रा ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मुंबई पुलिस, द मदारिया फाउंडेशन द्वारा भेजे गए नोटिस में दावा किया गया है कि वह सूफी, शांति और वैश्विक भाईचारे के लिए काम करते हैं. मैं आपसे और भारत से यह पूछना चाहती हूं, ‘सिस्टरहुड’ (बहनचारा) का क्या? आखिर यह जरूरी क्यों हैं कि इस समय में महिलाएं ढकी हुई रहें और पब्लिक में डांस और संगीत न गाएं.’ बता दें कि सोना ने हाल ही में लाल परी मस्तानी एल्बम से ‘तोरी सूरत’ गाना रिलीज किया है. यह सूफी गाना अमरी खुसरो ने निजामुद्दीन औलिया के लिए लिखा था.
सोना मोहपात्रा की इस शिकायत के बाद मुंबई पुलिस ने उन्हें अपना पर्सनल नंबर देने की बात कहते हुए मदद की है.
सोना ने इस विषय में मुंबई पुलिस को लिखित शिकायत दे दी है, लेकिन उन्होंने इसपर एफआईआर दर्ज नहीं कराई है. वहीं दूसरी तरफ इस फाउंडेशन का आरोप है कि सोना कोई पीड़ित नहीं है, बल्कि अपराधी हैं क्योंकि उन्होंने सूफी कला को प्रस्तुत करने के उनके निर्धारित नियमों को तोड़ा है.