सलमान खान के साथ निर्देशक अली अब्बास ज़फर की ‘टाइगर जिंदा है’ दूसरी फिल्म है। इससे पहले दोनों की सुल्तान कामयाब रही थी। तो जाहिर है, सलमान का भरोसा निर्देशक पर काफी बढ़ चुका है। खुद अली स्वीकारते हैं कि यह सच है कि सलमान खान को बॉलीवुड में 30 साल हो चुके हैं और उन्हें सिर्फ पांच।
अली कहते हैं कि यह सलमान की खासियत है कि शूटिंग के वक्त अगर उन्हें महसूस होता है कि किसी सीन में और भी वक्त देने की जरूरत है तो वह इसका पूरा ख्याल रखते हैं और खुद ही दोबारा टेक देने को तैयार रहते हैं। अली आगे बताते हैं कि कई लोगों ने उनसे यह सवाल किया है कि क्या टाइगर जिंदा है जैसी फिल्मों से सलमान खान को इंडियन सुपरमैन बनाने की कोशिश है। इस पर अली का कहना है “मैंने या हमारी टीम ने कभी सलमान खान को सुपरमैन या किसी भी सुपरहीरो जैसा बनाने की कोशिश नहीं की है।
टाइगर जिंदा है, फैंटेसी एक्शन फिल्म से अधिक रियलिस्टिक एक्शन वाली फिल्म है। इस फिल्म के लिए बकायदा सलमान ने खुद को ट्रेंड किया है। यह एक वार जोन की फिल्म है और वार में जिस तरह के एक्श्न होते हैं वैसे ही एक्शन दिखाये जायेंगे, जिसके लिए रियलिस्टिक एक्शन होना जरूरी है। खासतौर से फिल्म में सलमान का किरदार किस तरह से वार के दौरान हथियारों का इस्तेमाल करता है और अपनी इंटेलिजेंस से काम करता है। स्पाइ का रियल काम क्या होता है। आप सलमान को उस मोड में अधिक देखेंगे।
अली ने बताया कि इस फिल्म की स्क्रिप्ट सलमान को काफी पसंद आयी थी, तो अली को यकीन हो गया था कि सलमान फिल्म के लिए हां कहेंगे। उस वक्त इसे ‘एक था टाइगर’ का सीक्वल सोच कर नहीं लिखा गया था। बाद में सभी का मत था कि फिल्म को सीक्वल घोषित किया गया लेकिन फिल्म की कहानी बिल्कुल नयी है और अलग है। फिल्म टाइगर ज़िंदा है इस हफ़्ते यानि 22 दिसंबर को रिलीज़ हो रही है।