मध्य महाराष्ट्र में औरंगाबाद के बाहरी हिस्से में स्थित पाडेगांव- मितमिता गांव में कूड़ा डालने का स्थानीय लोगों ने हिंसक विरोध किया और पथराव किया जिसमें 8 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए. विधानसभा में स्थानीय विधायक इम्तियाज जलील ने घटना को उठाया और आरोप लगाया कि पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज किया और हवा में गोलियां चलाई. पुलिस ने कहा कि भीड़ ने औरंगाबाद नगर निगम के कूड़े के दो ट्रकों को आग लगा दी और पुलिस की दो गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त किया. औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त यशस्वी यादव ने शाम को बताया कि प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.
बहरहाल, उन्होंने भीड़ पर लाठीचार्ज करने की रिपोर्टों का खंडन किया. नगर निगम के ट्रक बुधवार सुबह जब कूड़ा डालने के लिए पहुंचे तो पाडेगांव- मितमिता गांव के लोग प्रदर्शन करने के लिए जमा हो गए. क्रोधित भीड़ ने एक ट्रक को आग लगा दी जिसके बाद पुलिस और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया जिसमें दो पुलिस निरीक्षक और छह कांस्टेबलों को मामूली चोटें आईं. उन्होंने बताया कि पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. आयुक्त यादव के मुताबिक, हालत को काबू करने के बाद कूड़े को उसी स्थल पर ही डाल दिया गया. गृह राज्य मंत्री रंजीत पाटिल ने कहा कि सरकार ने घटना का संज्ञान ले लिया है और उचित कदम उठाए जाएंगे.
शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे ने इस हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘मैं समझ सकता हूं औरंगाबाद के लोगों को किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मैं उनकी परेशानी को लेकर चिंतित हूं. इससे वहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ पर बुरा असर पड़ रहा है. नगर निगम इस मामले में सरकार की मदद करना चाहता है ‘