बाबा रामदेव को निचली जाति में जन्म लेने के कारण बचपन में भारी छुआछूत का सामना करना पड़ा था। उनमें पढ़ने की ललक थी, लेकिन स्कूल में दाखिले के बाद काफी बवाल मच गया था। वहां शिक्षक भी उनके साथ भेदभाव करते थे। आजकल डिस्कवरी जीत चैनल पर उनके जीवन पर आधारित शो ‘स्वामी रामदेव: एक संघर्ष’ के मुताबिक रामदेव बचपन में स्कूल के बाहर पेड़ पर लटक कर शिक्षक को पढ़ाते हुए देखते थे। इसी तरह उन्होंने बहुत कुछ सीख लिया था। जब वह स्कूल में दाखिल हुए तो शिक्षक का व्यवहार उनके साथ अच्छा नहीं था। शिक्षक भी उन्हें हिकारत भरी नजरों से देखते थे और बाकी बच्चों की तरह कुर्सी पर नहीं बिठाते थे। शिक्षक ने जब उनसे पूछा कि तुम्हें कुछ आता भी है या नहीं, तब बालक रामकृष्ण ने उन्हें बताया था कि पेड़ पर लटक कर उन्हें पढ़ाते हुए देख कर बहुत कुछ सीख लिया है।
स्कूल जाने को लेकर रामकृष्ण की ललक और खुशी को देख जहां उनकी मां बेहद खुश होती थीं, वहीं उनके पिता को डर रहता था कि इससे कहीं कोई विवाद न खड़ा हो जाए। शो में दिखाया गया है कि जहां मां फटाफट बेटे के लिए स्कूल के कपड़े बनाती हैं, वहीं पिता हिदायत दे रहे हैं कि स्कूल तो जा रहा है लेकिन मुझे कोई झगड़ा नहीं चाहिए। वहां कोई लड़ाई नहीं हो। इसके साथ ही वह बेटे को समझाते हैं कि पढ़ने लिखने से हमारी जाति और धर्म नहीं बदलेगी। हम छोटी जाति के हैं और ये पढ़ने से नहीं बदलने वाली है। वहीं गांव के ऊची जाति के लोग रामदेव के स्कूल में दाखिले को लेकर चिढ़ जाते हैं। वह कलेक्टर को समझाते हैं कि आपने छोटी जाति के लड़के को दाखिला देकर उसी के साथ अत्याचार किया है। स्कूल जाने के पहले दिन रामकृष्ण की मां उन्हें दही चीनी खिलाकर स्कूल भेजती हैं।
योगी आदित्यनाथ के आसन देखकर बाबा रामदेव बोले- इनका तन लचीला, मन हठीला है! देखें- Photosशो के 5वें एपिसोड में दिखाया जाता है कि कैसे रामकृष्ण की छोटी जाति की वजह से उन्हें बार-बार नीचा दिखाया जाता है। आगे कहा जाता है कि अगर उस छोटी जाति के बच्चे की पढ़ाई के प्रति रुचि होगी तो वह पढ़ेगा वरना नहीं। इससे किसी को क्या लेना। रामकृष्ण का दोस्त उनके स्कूल जाने को लेकर काफी खुश होता है वह स्कूल तक थाली बजाते हुए रामकृष्ण के साथ जाता है। वहीं रामकृष्ण को स्कूल में देख सभी उसका मजाक बनाते हैं। सब कहते हैं कि आज ये भी स्कूल आया है। रामकृष्ण स्कूल को देख काफी खुश होता है। वहीं स्कूल में अध्यापक उसे कुर्सी पर नहीं बैठने देता है। अध्यापक कहता है तुम नीचे बैठो।
स्कूल में रामकृष्ण से अध्यापक पूछते हैं कि तुम्हें पहले से कुछ लिखना पढ़ना आता भी है कि नहीं। रामकृष्ण उन्हें लिख कर दिखाता है। वह कहता है कि ये सब मैंने आपसे ही सीखा है। मैं आपको पेड़ से लटकरकर देखता था। रामकृष्ण का क्लास में हर बात पर मजाक बनाया जाता है। उसे क्लास से उठकर पास के कुएं से पानी भरने के लिए भी कह दिया जाता है और वह पढ़ाई के लालच में भागकर पानी लेने चल देता है। इसमें स्कूल के बच्चे रामकृष्ण पर चोरी का भी इल्जाम लगा देते हैं। वह कहते हैं कि उसके हाथ में घी का डिब्बा था यह एक चोर है। रामकृष्ण कहता है कि वह चोर नहीं है लेकिन कोई यह बात नहीं मानता है। बता दें स्वामी रामदेव के जीवन से जुड़ी यह कहानी शो ‘स्वामी रामदेव: एक संघर्ष’ में दिखाई जा रही है।