आईपीएल सीजन 11 का पहला मैच वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया, किसने सोचा था कि आईपीएल सीजन 11 के पहले मैच में वो होगा, जो शायद ही सोचा जा सके. स्कोर था 118. आठ विकेट गिर चुके थे चेन्नई सुपर किंग्स के. एक बल्लेबाज केदार जाधव चोट की वजह से पैवेलियन में थे. यानी एक तरह से आखिरी विकेट था. जीत के लिए बनाने थे 166. 22 गेंद में 48 रन चाहिए थे. मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में शायद हर किसी ने मान लिया होगा कि अब मैच का एक ही विजेता हो सकता है, वो है मुंबई इंडियंस. लेकिन ड्वेन ब्रावो ऐसा मानने को तैयार नहीं थे.
ब्रावो का एक गाना कुछ समय पहले आया था. ब्रावो द चैंपियन. उसकी एक लाइन थी- एवरीबॉडी नो से ब्रावो अ चैंपियन. गाना रिलीज होते वक्त या इससे पहले अगर किसी को संदेह था, तो वो शनिवार को दूर हो गया होगा. 30 गेंद, 68 रन, सात छक्के. और वो भी मैच के ऐसे मुकाम पर, जब एक तरह से अकेले वही बचे थे. ब्रावो आउट हुए तो सात रन बनाने थे. केदार जाधव एक ओवर में सात रन बनाने के लिए काफी थे. उन्होंने चोटिल होने के बावजूद पहले छक्का लगाया, फिर चौका और एक विकेट से मुंबई इंडियंस को जिता दिया.
ब्रावो के आने से पहले तय लग रहा था कि हीरो कौन होगा. दो नाम थे. एक हार्दिक पांड्या और दूसरा वो, जिसका नाम तमाम लोगों ने पहले सुना भी नहीं होगा. जिस टीम में धोनी से लेकर रैना, जाधव, जडेजा, वॉटसन जैसे खिलाड़ी थे, वो एक 20 साल के अनजान युवा के सामने समर्पण करते दिखाई दिए. किसने सुना था इससे पहले मयंक मार्कंडेय का नाम. लेकिन वो हीरो बनने के करीब पहुंच गए, जब तक कि ब्रावो ने उन्हें हारी हुई टीम का सदस्य नहीं बना दिया.
पंजाब के बठिंडा में जन्मे, सिर्फ छह लिस्ट ए और चार टी 20 खेलने वाले इस गेंदबाज ने उस टीम को हैरान, परेशान कर दिया, जिसे आईपीएल की सबसे कामयाब टीम कहा जाता है. चार ओवर, 23 रन और तीन विकेट. केदार जाधव का विकेट भी उन्हें मिल जाता, अगर वो कप्तान रोहित शर्मा को रिव्यू लेने के लिए मना पाते. सिर्फ मयंक मार्कंडेय नहीं, उनके साथ हार्दिक पांड्या भी. इन दोनों ने विकेट बांटे. लेकिन ये दोनों भी अपनी टीम को जिता नहीं पाए. वजह सिर्फ एक.. ड्वेन ब्रावो.
166 रन का पीछा करते हुए चेन्नई की शुरुआत ठीक थी. लेकिन एक बार 16 रन बनाकर वॉटसन आउट हुए, तो फिर झड़ी लग गई. दूसरे ओपनर अंबाति रायडू ने 22 रन बनाए. हार्दिक पांड्या ने वॉटसन और फिर शॉर्ट पिच गेंद पर रैना को पैवेलियन भेजा. उसके बाद मयंक मार्कंडेय की बारी थी. उनकी गुगली किसी की समझ नहीं आई. रायडू और धोनी दोनों एलबीडबल्यू हुए. जाधव भी एलबीडब्ल्यू थे. लेकिन रिव्यू न लेने की वजह से बच गए.
इसके बाद विकेट गिरते रहे. 75 पर आधी टीम पवेलियन में थी. 118 पर आठ आउट थे. लेकिन इसके बाद 41 रन की साझेदारी हुई. महज 15 गेंद में. इसमें 39 रन ब्रावो के थे. यही वो पारी थी, जिसने आईपीएल के 11वें सीजन के आगाज को अविश्वसनीय बना दिया.
इससे पहले हरफनमौला कृणाल पंड्या के 22 गेंद में 41 रन की मदद से मुंबई इंडियंस ने चार विकेट पर 165 रन बनाए थे. मुंबई का स्कोर एक समय दो विकेट पर 20 रन था, जब सलामी बल्लेबाज एविन लुइस बगैर खाता खोले और कप्तान रोहित शर्मा 15 रन बनाकर सस्ते में आउट हो गए.
इसके बाद सूर्यकुमार यादव ने 29 गेंद में 43 और ईशान किशन ने 29 गेंद में 40 रन बनाकर मुंबई को ढर्रे पर लौटाया. दोनों ने तीसरे विकेट के लिये 78 रन जोड़े. इनके बाद कृणाल और हार्दिक पंड्या ने मिलकर 5.2 ओवर में 52 रन बनाकर टीम को 160 रन के पार पहुंचाया. चेन्नई के लिए वॉटसन ने 29 रन देकर दो विकेट लिए.