Ind vs SA: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि इतनी जल्द महेंद्र सिंह धोनी को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास नहीं लेना चाहिए था। धोनी ने सन् 2014 में टेस्ट को अलविदा कहा था, जिसके बाद उनके स्थान पर रिद्धिमान साहा को बतौर विकेटकीपर प्राथमिकता दी गई। हालांकि जब साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले साहा चोटिल हुए तो विकेटकीपिंग का जिम्मा पार्थिव पटेल को सौंपा गया। पार्थिव ने अपने प्रदर्शन से सभी को काफी निराश किया। उन्होंने पहली पारी में कुछ कैच भी मिस किए।
गावस्कर का मानना है कि ‘धोनी के रहते टीम लंबे समय तक फायदे में रही। मुझे लगता है कि हो सकता है धोनी और अधिक कप्तानी का भार नहीं चाहते। हालांकि मैं चाहूंगा कि धोनी को फिर से कप्तानी सौंपी जाए और वह टीम में बतौर विकेटकीपर-बल्लेबाज बने रहें। ड्रेसिंग रूम में उनकी सलाह अमूल्य है।’
सुनील गावस्कर ने कहा, ‘टीम साहा को मिस कर रही है। केपटाउन टेस्ट में साहा ने 10 विकेट लिए थे। उनकी कीपिंग बेहद अलग लेवल की है। पार्थिव पटेल हालांकि एक प्रतियोगी विकेटकीपर हैं। बल्लेबाजी के दौरान वह छोटे फाइटर हैं। हमने देखा कि उन्होंने विकेटकीपिंग के दौरान तीसरे दिन मौके गंवाए। अगर हम कैच ड्रॉप करते हैं कि तो इश्यू नहीं है लेकिन कैच पकड़ने का प्रयास ही नहीं करना आपको बेहद निराश करता है।’
कप्तान फाफ डु प्लेसिस (नाबाद 37) ने अच्छी बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका की पारी को संभाला हुआ है और इसके दम पर टीम ने भारत के खिलाफ दूसरी पारी में चायकाल तक सात विकेट के नुकसान पर 230 रन बना लिए हैं। सुपर स्पोर्ट पार्क में जारी इस मैच में दक्षिण अफ्रीका ने दूसरे सत्र की समाप्ति तक अपने दो और विकेट गंवाए हैं और 258 रनों की बढ़त हासिल कर ली है।
दक्षिण अफ्रीका की टीम ने पहले सत्र की समाप्ति तक पांच विकेट के नुकसान पर 173 रन बनाए थे। इसके बाद दूसरे सत्र की शुरुआत करते हुए प्लेसिस ने वर्नोन फिलेंडर (26) के साथ 46 रनों की साझेदारी कर टीम को 200 के पार पहुंचाया। यहां इशांत शर्मा ने फिलेंडर को मुरली विजय के हाथों कैच आउट करा इस साझेदारी को तोड़ दिया।