टीम इंडिया विश्व की सबसे फिट टीम बने रहने के लिए यो-यो टेस्ट का सहारा ले रही है। मैनेजमेंट ने इस टेस्ट को कम से कम 16.1 स्कोर के साथ पास करना अनिवार्य कर दिया है। हालांकि अब वर्ल्ड कप-2019 के मद्देनजर इसे और भी कड़ा बनाया जा रहा है। टीम से जुड़े़ करीबी सूत्रों ने बताया है कि जल्द इस स्कोर को 16.5-17.0 के बीच किया जा सकता है।
जाहिर है कि टीम के लिए फिटनेस अहम पहलू है। इसे देखने हुए इस प्रकार का कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है। वहीं औसतन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी इस टेस्ट में 21 का स्कोर करते हैं। बता दें कि इस टेस्ट में फेल होने के चलते युवराज सिंह और सुरेश रैना टीम से बाहर चल रहे हैं।
टीम इंडिया के थिंक टैंक रवि शास्त्री, कप्तान विराट कोहली और सिलेक्शन कमिटी के चेयरमैन एमएसके प्रसाद ने पहले से ही साफ कर दिया है कि फिटनेस के मानकों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
खिलाड़ियों की फिटनेस परखने के लिए यो-यो टेस्ट ‘बीप’ टेस्ट का एडवांस वर्जन है। 20-20 मीटर की दूरी पर दो लाइनें बनाकर कोन रख दिए जाते हैं। एक छोर की लाइन पर खिलाड़ी का पैर पीछे की ओर होता है और वह दूसरी की तरफ वह दौड़ना शुरू करता है।
हर मिनट के बाद गति और बढ़ानी होती है और अगर खिलाड़ी वक्त पर लाइन तक नहीं पहुंच पाता तो उसे दो बीप्स के भीतर लाइन तक पहुंचना होता है। अगर वह ऐसा करने में नाकाम होता है तो उसने फेल माना जाता है।