गर्मी के मौसम में ठंडे पानी से ही प्यास बुझती है। बाहर की तेज धूप झेलकर आया हुआ कोई भी व्यक्ति घर में घुसते ही ठंडे पानी की मांग करता है। लेकिन क्या आपको पता है, गर्मियों में ठंडा पानी पीना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। आयुर्वेद भी इसे अनहेल्दी आदत मानता है। द कंप्लीट बुक ऑफ आयुर्वेदिक होम रेमेडीज़ में इससे संबंधित निर्देश है कि गर्मियों के मौसम में बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीने से पाचन क्रिया पर बुरा असर पड़ता है। इसका कारण है कि ठंडा पानी पाचक रसों की नॉर्मल फंक्शनिंग को प्रभावित करता है। एक हालिया शोध के मुताबिक गर्मी में ज्यादा ठंडा पानी या बर्फ वाला पानी पीना सेहत पर भारी पड़ सकता है। खासतौर से धूप से आकर सीधे ठंडा पानी पीना सेहत के लिए और भी हानिकारक होता है। आज हम आपको तेज गर्मी में आइस-कोल्ड पानी पीने के 4 नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं।
पाचन में दिक्कत – बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीने की वजह से पाचन तंत्र ठीक तरह काम नहीं कर पाता। ऐसा इसलिए क्योंकि ठंडा पानी पीने के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इस वजह से पेट तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता। ऐसे में खाना पचाने में ज्यादा एनर्जी खर्च होती है। इसके लिए रक्त प्रवाह का दुरुस्त होना बेहद जरूरी है।
पोषक तत्व में कमी – हमारे शरीर का सामान्य तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है। ऐसे में जब हम ठंडा पानी पीते हैं तो हमारे शरीर को तापमान नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। जाहिर है इस ऊर्जा का इस्तेमाल भोजन पचाने और पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए किया जाता है। यह ऊर्जा कहीं और खर्च होने की वजह से पाचन सही तरह से नहीं हो पाता और हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
गला हो सकता है खराब – ज्यादा ठंडा पानी पीने से गला भी खराब हो सकता है। ठंडा पानी पीने से रेस्पिरेटरी म्यूकस का निर्माण हो सकता है। इससे रेस्परेट्री ट्रैक्ट प्रभावित होता है। इस वजह से विभिन्न इन्फेक्शन व गले की खराश का खतरा होता है।
दिल की धड़कन पर असर – एक ताजा अध्ययन ने यह दावा किया गया है कि ठंडा पानी पीने से वैगस तंत्रिका उत्तेजित हो जाती है। इस वजह से हार्ट रेट घट जाती है।