आज शाम को होलिका दहन किया जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम सात बजकर 40 मिनट से शुरू हो जाएगा। 10 बजे तक विशेष समय रहेगा। जबकि, सात बजकर 40 मिनट से पहले भद्रा की छाया रहेगी। इस काल में होलिका दहन करना अशुभ माना जाएगा।
ज्योतिषाचार्य बंशीधर नौटियाल के अनुसार, गुरुवार को पूरे दिनभर होलिका पूजन कर सकते हैं। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त दो घंटे 20 मिनट तक रहेगा। हालांकि उसके बाद भी होलिका दहन किया जा सकता है। होलिका दहन शुभ मुहूर्त पर ही करना उचित होगा। वहीं, होली पर रंगों का राशियों से भी विशेष नाता है। सभी राशियों के लिए कोई न कोई रंग शुभ माना जाता है।
हल्दी की गांठ, उपले, फलों, सब्जी आदि की माला बनाकर धारण करें। होलिका दहन से पूर्व नारियल, सुपारी, जायफल और आठ गोमति चक्र लेकर गुलाबी रंग से होलिका का पूजन करें। इसके बाद होलिका के चारों तरफ आठ दीए जलाएं और सभी सामग्री को होलिका के ऊपर अर्पण कर दें।
इन रंगों से खेलें होली
मेष: लाल और पीला।
वृष: सफेद, नीला।
मिथुन: हरा और सफेद।
कर्क: पीला, हरा और सफेद।
सिंह: गुलाबी, हरा और पीला।
कन्या: हरा, पीला और सफेद।
तुला: सफेद, हरा और नीला।
वृश्चिक: लाल, पीला, नीला।
धनु: पीला, हरा, लाल।
मकर: सफेद, लाल, नीला।
कुंभ: सफेद, लाल, नीला।
मीन: पीला, सफेद, हरा।
(आचार्य बंशीधर नौटियाल के अनुसार, इन रंगों से होली खेलने पर जीवन में तरक्की आएगी, उलझनें समाप्त होंगी और परस्पर प्रेम बढ़ेगा।)