अगर आप पर जीरो फिगर और सुडौल शरीर का जूनून सवार है तो थोड़ा रुकिए। आपकी यह जुनून न केवल आपको स्वास्थ्य समस्याओं की चपेट में ला सकती है। वहीं महिलाओं का मासिक चक्र पर भी असर डाल सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह भी संभव है कि आपका मासिक चक्र ही बंद हो जाए और मां बनने की योग्यता पूरी तरह प्रभावित हो जाए।
स्त्री रोग विशेषज्ञों के मुताबिक जीरो फिगर की चाहत महिलाओं को अन्दर से कमजोर बना रही है। यह भी देखा जा रहा है कि जीरो फिगर पाने के चक्कर में लड़कियां अपने सेहत से हर प्रकार का समझौता करने को तैयार है। दुबला-पतला दिखने की चाह 18 से 25 साल की लड़कियों में सर्वाघिक है और धीरे-धीरे यह चाहत हर आयु वर्ग की लड़कियों में पाया जाने लगा है। विशेषज्ञों ने यूएस में 1200 लड़कियों पर किए सर्वे का हवाला देते हुए बताया कि वहां हर पांच में से एक लड़की जीरो फिगर पाने की जद्दोजहद में लगी है। यही नहीं इनमें से मात्र 20 प्रतिशत ही ऐसी हैं, जो खुद को मेंटेन कर पाती हैं। जबकि अन्य अपने आप को असहाय महसूस करने के साथ मानसिक और शरारिक तौर से बीमारीयों के चपेट में आ जाती है।
संतुलित व्यायाम हार्मोनल संतुलन के लिए सुरक्षा कवच : स्त्री रोग विशेषज्ञों के मुताबिक व्यायाम अगर संतुलित तरीके से की जाए तो यह कई मायनों में उपयोगी सबित होता है। नियमित और सुंतुलित व्यायाम से मानसिक व शारीरिक संतुलन बना रहता है। दिनचर्या में शामिल उचित व्यायाम महिलाओं के शरीर में होने वाली सभी हार्मोनल परिवर्तनों को नियंत्रित कर बांझपन को रोकने में सहायक साबित होता है।
इस तरह प्रभावित हो सकता है मासिक चक्र
1. क्षमता से ज्यादा जिमिंग और डाइटिंग से महिलाओं का मासिक चक्र प्रभावित होता है।
2. ऐसी महिलाओं का इलाज करने के बाद समय से पहले डिलिवरी, बच्चे का वजन कम होना और कुपोषण की आशंका रहती है।
3. अधिक एक्सरसाइज और डाइटिंग करने वाली महिलाएं एमिनॉरिया (असाधारण मासिक चक्र) और सेक्स की इच्छा में कमी का शिकार हो जाती हैं।
5. ऐसा दिमाग के हार्मोनों के प्रभावित होने के कारण होता है।
6. एक सीमा से ज्यादा की गई डाइटिंग का दुष्प्रभाव गर्भाशय पर पड़ता है।
ऐसे करें वर्कआउट
1. नियमित तौर पर तेज रफ्तार में सुबह की सैर करें।
2. ध्यान करें।
3. एरोबिक्स और जुम्बा करें।
4. हृदय को स्वस्थ्य रखने वाले व्यायाम करें।
5. शरीर में लचीलेपन के लिए योग करें।