जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कठुआ जिले में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या किए जाने के मामले में आरोपी चार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया. महबूबा के पास गृह मंत्रालय का प्रभार भी है. आधिकारिक सूत्रों ने यहां कहा कि मुख्यमंत्री ने जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर मामले की सुनवाई 90 दिनों में समाप्त करने के लिए त्वरित अदालत की मांग की है. इस मामले को लेकर देशभर में आंदोलन तेज हो गया है.
जानकार सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार ने मामले में आरोपी एक उपनिरीक्षक, एक हवलदार और दो विशेष पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है. राज्य सरकार ने यह कदम भाजपा के दो मंत्रियों चौधरी लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा के इस्तीफे के एक दिन बाद उठाया है. दोनों ही गठबंधन सरकार में मंत्री थे. दोनों मंत्री कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले के आरोपियों के समर्थन में निकाली गई रैली में शामिल हुए थे.
श्रीनगर में महबूबा मामले में अगले कदम पर चर्चा के लिए पार्टी विधायकों और वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक कर रही हैं. बकरवाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाली नाबालिग बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण हुआ था. उसे कठुआ जिले के रसाना गांव के एक मंदिर में रखा गया था.
पीड़िता के परिवार ने दोषियों को फांसी की सजा की मांग
कठुआ गैंगरेप और हत्याकांड की आठ वर्षीय पीड़िता के परिवार ने दोषियों को फांसी की सजा की मांग की है. पीड़िता की जैविक मां ने कहा, “वह बहुत खूबसूरत और समझदार थी. मैं चाहती थी कि वह बड़ी होकर डॉक्टर बने.’’ शोक में डूबी पीड़िता की मां ने दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग की. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी एक ही इच्छा है कि दोषियों को इस जघन्य अपराध के लिए फांसी दी जाए , ताकि किसी और परिवार को इससे गुजरना नहीं पड़े.’’
कठुआ जिले के रसाना गांव में पीड़िता के मामा – मामी ने उसे तब गोद लिया था जब वह एक साल की थी. अब भी सदमे में नजर आ रही पीड़िता के मां ने अपनी बच्ची को अपने भाई के घर छोड़ने के लिए खुद को कोसा. उन्होंने कहा, ‘‘उसे मारा क्यों गया? वह तो मवेशियों को चरा रही थी और घोड़ों की देखभाल कर रही थी. वह आठ साल की थी। उन्होंने इतने बुरे तरीके से उसे क्यों मारा? उन्हें मौत की सजा दी जानी चाहिए.’’ बच्ची के पिता ने कहा कि वह रसाना में अपने मामा के घर पर थी. उन्होंने कहा , ‘‘हत्यारों को मौत की सजा दी जानी चाहिए. हमें सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है , अपराध शाखा की जांच में हमें भरोसा है.’’
मुस्लिम बकरवाल समुदाय से संबंध रखने वाली आठ साल की बच्ची से बलात्कार और फिर उसकी हत्या के मामले ने जम्मू में विवाद पैदा कर दिया है. पीड़िता का शव 17 जनवरी को रसाना गांव में पाया गया. इससे एक हफ्ते पहले वह घोड़ों को चराते वक्त लापता हो गई थी.
बीजेपी मंत्रियों के इस्तीफे महबूबा को सौंपे जाएंगे : राम माधव
उधर, बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने शनिवार को कहा कि पार्टी के दो मंत्रियों के इस्तीफे आगे की कार्रवाई के लिए जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को सौंपे जाएंगे. इन दोनों मंत्रियों ने कठुआ में बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपियों के समर्थन में एक रैली में शामिल होकर विवाद उत्पन्न कर दिया था. राम माधव ने कहा कि मंत्रियों के इस्तीफे न केवल उसकी सहयोगी पीडीपी और जम्मू कश्मीर के लोगों बल्कि पूरे देश के लोगों की आशंकाएं दूर करने के लिए है.
माधव पार्टी के महासचिव एवं राज्य के पार्टी मामलों के प्रभारी भी हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से वन भूमि पर खानाबदोशों द्वारा अतिक्रमण पर आदिवासी विभाग के निर्देश को वापस लेने के लिए कहा गया था. माधव राज्य के भाजपा विधायकों और विधानपरिषद सदस्यों की बैठक में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सत शर्मा इस्तीफों को मुख्यमंत्री को भेजेंगे. उन्होंने कहा कि वन मंत्री लाल सिंह और उद्योग मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने निर्मित की जा रही अवधारणों के मद्देनजर इस्तीफ दे दिया. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास कर रही है जो कि नहीं किया जाना चाहिए