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दिग्गजों का पछाड़ते हुए 16 साल की मनु भाकर ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया है. मनु ने पूरे मुकाबले में टॉप पर रही. 10 मीटर एयर पिस्टल के इवेंट में मनु भाकर का मुकाबला बड़ी-बड़ी शूटर्स के साथ था लेकिन गोल्ड मेडल के लिए उनकी भिड़ंत भारत की ही दूसरी शूटर हीना सिद्धू के साथ हुई. भाकर ने गोल्ड और हीना ने सिल्वर अपने नाम किया.
पिस्टल से रेंज में कमाल करने वाली मनु के सामने एक ऐसी भी मुश्किल आ खड़ी हुई, जब उन्हें अपनी इसी पिस्टल का लाइसेंस नहीं मिल पा रहा था और उन्हें यूथ एशियन गेम्स में जाना था. 16 साल मनु कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने वाली सबसे युवा खिलाड़ी भी बन गई है. पिछले दो दिनों में दो युवा खिलाड़ियों ने भारत को मेडल दिलाया. मनु से पहले 18 वर्ष के दीपक लाथर ने वेटलिफ्टिंग में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम करके सबसे युवा खिलाड़ी बने थे.
जिस पिस्टल से मनु इतिहास रच रही है, उसका लाइसेंस बनवाने के लिए उन्हें काफी मशक्त करनी पड़ी. दरअसल सिंतबर में जकार्ता में हुए यूथ एशियन गेम्स ने नेशनल टीम में चयन होने के बाद मनु ने गन लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिप वह अपने फॉर्म में गलती कर बैठी और लाइसेंस का कारण खेल की बजाय आत्मरक्षा बता दिया था. इसके बाद मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा था.
ऐसा नहीं है कि मनु को शुरुआत से ही शूटिंग पसंद हो. इससे पहले वह बॉक्सिंग, स्केटिंग, कबड्डी कराटे, लॉन टेनिस आदि खेलों में भी हाथ आजमा चुकी है और करीब दो साल पहले ही शूटिंग को चुना है. इसका कारण उनके साथ हुई एक चीटिंग है. मनु का मानना था कि बाकी खेलों में खुद को स्थापित करने में समय लगता है और वह एक ऐसा खेल चाहती थी, जो साफ सुथरा हो, नतीजे जल्द मिले और जिसमें बेइमानी की कोई गुंजाइश न हो.