ऑस्कर विजेता ध्वनि कलाकार रेसुल पूकुटी ने गुरुवार को यहां राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में कुल 137 विजेताओं में से सिर्फ 11 का अभिनंदन किए जाने की खबर पर नाराजगी जताई. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पूकुटी ने ट्वीट कर कहा, “अगर भारत सरकार हमारे सम्मान में अपना तीन घंटे का समय भी नहीं दे सकती तो उन्हें हमें राष्ट्रीय पुरस्कार देने की जहमत नहीं उठानी चाहिए. हमारे 50 फीसदी से ज्यादा पसीने की कमाई आप मनोरंजन कर के रूप में ले लेते हैं, हमारी जो प्रतिष्ठा है कम से कम उसका तो सम्मान कीजिए.”
विजेताओं को बुधवार को पुरस्कार समारोह से ठीक एक दिन पहले ड्रेस रिहर्सल के दिन यह सूचना दी गई कि पुरस्कार पाने वाले लोगों में अधिकतर को सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी सम्मानित करेंगी, जबकि केवल 11 को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा. यह सूचना मिलते ही पुरस्कार पाने वाले कई कलाकारों ने एतराज जताया. इसी के चलते कई लोगों ने इसके विरोध में समारोह में भी हिस्सा नहीं लिया. परंपरा के उलट इस बार विज्ञान भवन में आयोजित समारोह दो हिस्सों में बंटा था. पहले चरण में पुरस्कार केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एवं राज्य मंत्री क्रमश: स्मृति ईरानी एवं राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने प्रदान किए. दूसरे चरण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रमुख पुरस्कार भेंट किए जिनमें विनोद खन्ना एवं श्रीदेवी के लिए मरणोपरांत क्रमश : दादा साहेब फाल्के और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार शामिल थे.
विवाद पर राष्ट्रपति के प्रेस सचिव ने दी सफाई
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने कहा कि राष्ट्रपति सभी पुरस्कार कार्यक्रमों और दीक्षांत समरोहों में अधिकतम एक घंटे रुकते हैं. यह प्रोटोकाल उनके पदभार ग्रहण करने के समय से ही चला आ रहा है. इस बारे में सूचना और प्रसारण मंत्रालय को कई सप्ताह पहले ही अवगत करा दिया गया था और मंत्रालय को इसकी जानकारी थी. उन्होंने कहा कि अंतिम समय में इस तरह से सवाल उठाने से राष्ट्रपति भवन आश्चर्यचकित है.
पूकुटी ने पिछले महीने पुरस्कार समिति के सर्वश्रेष्ठ ऑडियोग्राफी के पुरस्कार के निर्णय पर सवाल उठाए थे और अपनी नाराजगी जताई थी. यह पुरस्कार ‘विलेज रॉकस्टार’ के लिए मल्लिका दास (लोकेशन साउंड रिकॉर्डिस्ट) और ‘वॉकिंग विद द विंड’ के लिए सनल जॉर्ज (साउंड डिजाइनर) व जस्टिन ए जोस (साउंड री-रिकॉर्डिग) को दिया गया था.