Saturday, September 21, 2024
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बारिश में फंसे लोगों को लिफ्ट देना पड़ा महंगा! कटा चालान…

SI News Today
People who were stranded in the rain had to give expensive lift! Sliced ​​invoice ...

बारिश से मुम्बई का हाल बेहाल है. सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं. बारिश ने बीएमसी के व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है. इस सबके बीच मुम्बई के नितिन नायर नाम के एक शख्स ने ट्रैफिक कानून पर सवाल उठा दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि बारिश के दौरान बीच रास्ते में फंसे कुछ लोगों की मदद करने पर उनका चालान काट दिया गया. यह आरोप उन्होंने फेसबुक पोस्ट लिखकर लगाया है.

नितिन के मुताबिक, 18 जून को जब वह अपने ऑफिस के लिए जा रहे थे उस समय मुम्बई के एरोली सर्कल के पास बारिश में फंसे कुछ लोगों को देखा, जो लिफ्ट के लिए इशारा कर रहे थे. उनमें से एक बुजुर्ग व्यक्ति थे जिनकी उम्र करीब 60 के आसपास होगी. दो अन्य किसी आईटी कमपनी में काम करने वाले युवा थे. लोगों को देखकर उन्होंने सड़क के किनारे गाड़ी खड़ी की और उन्हें गाड़ी में बैठने को कहा.

नितिन ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘गाड़ी में उनके बैठने के बाद जैसे ही कार स्टार्ट किया कि सामने से ट्रैफिक पुलिस के कुछ अधिकारी उनकी तरफ आए और लाइसेंस दिखाने के लिए कहा. वो गाड़ी की तस्वीर भी खींचने लगे. जब इसका कारण पूछा तो अधिकारी ने कहा कि किसी भी अनजान व्यक्ति को लिफ्ट देना गैरकानूनी है.’

नितिन नायर अपने फेसबुक पोस्ट में आगे लिखते हैं, ‘पहले तो मुझे लगा कि ये पैसों (घूस) के लिए ऐसी बात कर रहे हैं, लेकिन बाद में पता चला कि नहीं वह इसको लेकर गंभीर थे. उन्होंने मेरा लाइसेंस लेते हुए मुझे एक रसीद थमा दी. अगले दिन पुलिस स्टेशन जाकर जुर्माना भरकर लाइसेंस छुड़ाने की बात कही.’

अगले दिन नितिन नायर लाइसेंस लेने के लिए थाने जाते हैं, जहां उन्हें कोर्ट जाकर लाइसेंस वापस लेने के लिए कहा जाता है. नितिन के मुताबिक, उनपर धारा 66 (1) और 192 (ए) के तहत जुर्माना लगाया गया. इसमें कोर्ट जाना पड़ता है और जज के सामने अपनी गलती स्वीकार करते हुए जुर्माने की राशि चुकाने के बाद लाइसेंस वापस किया जाता है. नितिन ने अपने वकील दोस्त से जब इस कानून के बारे में पूछा तो पता चला कि पुलिस वाले जिस कानून की बात कर रहे थे वह सही है.

नितिन के मुताबिक, 22 जून को लगभग चार घंटे के इंतजार के बाद उनका नंबर आया. जज के सामने उन्होंने गलती स्वीकार करते हुए जुर्माने की राशि कम करने की गुजारिश की. जज ने जुर्माने की राशि को 2000 से 1500 रुपये कर दिया. इसके बाद पुलिस स्टेशन जाकर उन्होंने लाइसेंस वापस लिया.

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