‘कानून और पुलिस के हाथ बहुत लंबे होते हैं।’ मुंबई पुलिस ने गुरुवार (19 अप्रैल) को इसी फिल्मी डायलॉग को फिर सच कर दिखाया। पुलिस ने बाइक पर दुम दबाकर भाग रहे एक चोर को मछुआरों की मदद से धर दबोचा। चोर कॉन्स्टेबलों से बचने के लिए समुद्र में कूद गया था। वह तैरकर भागने की कोशिश कर रहा था। मगर पास में कुछ मछुआरे भी थे, जो नाव पर चढ़ कर उसका पीछा कर रहे थे। चोर की पहचान विग्नेश्वर विजय जाधव के रूप में हुई है। वह वर्ली में शिवाजी नगर का रहने वाला है। बांद्रा-वर्ली सी लिंक के पास से पुलिस ने उसे तकरीबन दो घंटे बाद गिरफ्तार किया।
पुलिस के अनुसार, जाधव ड्रग्स का आदी थी। पिछले चार महीनों से वह अपनी इसी लत के कारण मोटरसाइकिलें चुराता था। वर्ली में हाल ही में उसने एक महिला की घड़ी और पर्स चुराया था। महिला की शिकायत के बाद पुलिस को चोर के बारे में गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर महाकाली नगर में दो पुलिस कॉन्स्टेबल उसे गिरफ्तार करने के लिए भेजे गए थे। पुलिस ने उसे देखते ही आवाज दी तो वह भागने लगा।
कॉन्स्टेबलों ने इसके बाद उसका पीछा किया। आगे समुंदर दिखा तो उनसे पुलिस से पीछा छुड़ाने के लिए उसी में छलांग लगा दी, जिसके बाद पुलिस ने वहां पर मछुआरों की मदद ली। बकौल पुलिस अधिकारी, “हमारे कहने पर मछुआरे ने नाव से चोर का पीछा किया था। जाधव तब तक बांद्रा-वर्ली सी लिंक के पास पहुंच गया था, जहां से उसे पकड़ा गया। वह मछुआरों के साथ जाने को राजी नहीं। डरा था, मगर थका भी था। ऐसे में वह बोट पर चढ़ा, जिसके बाद उसे पुलिस के हवाले किया गया।”
पूछताछ में चोर ने कबूला कि उसे मोटरसाइकिलों का शौक था। लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह मोटरसाइकिलें खरीद पाता। ऐसे में उसने चोरी करना शुरू किया। चोरी की बाइकें वह तब तक चलाता, जब तक उनमें पेट्रोल रहता। खत्म हो जाने पर चोर उन्हें वहीं छोड़कर फरार हो लेता था। पुलिस ने उससे नौ चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की हैं। जाधव ने बताया कि वह पहले बाइकों का हैंडल लॉक तोड़ता था। फिर तार की मदद से उसे स्टार्ट करता था। पुलिस ने उस पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 379 के तहत मामला दर्ज किया है।