Friday, November 22, 2024
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बेटियों को बचाने के लिए निकाली गई रैली! बीजेपी नेता हुए शामिल…

SI News Today

जम्मू: कठुआ में एक बच्ची के साथ बलात्कार एवं हत्या के मामले के आरोपियों के समर्थन में निकाली गई रैली में शामिल होने के अपने कदम का बचाव करते हुए भाजपा नेता चौधरी लाल सिंह ने आज कहा कि ऐसा मौजूदा स्थिति को शांत करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए किया गया. जम्मू – कश्मीर की गठबंधन सरकार में शामिल भाजपा नेता सिंह और चंदर प्रकाश गंगा ने मामले में कल इस्तीफा दे दिया था. आज विधायक दल की बैठक में मामले पर चर्चा भी की जाएगी.

चौधरी ने कहा, ‘‘करीब 15 दिन पहले प्रवास के कारण उत्पन्न हुई स्थिति का शांत करने के लिए यह कदम उठाया गया. हमने उनसे कहा कि उन्हें वापस जाना चाहिए. अब्दुल गनी कोहली ( मंत्री ) को पीड़िता के घर भेजा गया था ताकि वहां अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं वहां गया, बाली और कोहली (मंत्री) लोगों की बात सुनने नौशेरा और सुंरदबनी गए. क्या हम उनकी बात न सुनें? हम लोगों के प्रतिनिधि क्यों हैं? क्या हम लोगों को राज्य में आग लगाने और मरने दें?’’

बकरवाल समुदाय की आठ वर्षीय एक बच्ची के साथ बलात्कार एवं हत्या के मामले में आरोपियों के समर्थन में हिंदू एकता मंच ने एक रैली आयोजित की थी. उल्लेखनीय है कि खानाबदोश बकरवाल मुस्लिम समुदाय की एक बच्ची 10 जनवरी को अपने घर के पास से लापता हो गई थी और एक सप्ताह बाद 17 जनवरी को उसका शव रसाना गांव के जंगल से मिला था. गांव के ही एक मंदिर में एक सप्ताह तक उसके साथ कथित तौर पर छह लोगों ने बलात्कार किया. पीड़िता की हत्या करने से पहले नशीला पदार्थ देकर उसके साथ कई बार बलात्कार किया गया था. इस घटना के बाद से संपूर्ण भारत में रोष देखने को मिला.

10 जनवरी को आरोपियों ने किया था अगवा
आठ वर्षीय बच्ची 10 जनवरी को लापता हो गई थी जब वह जंगल में घोड़ों को चरा रही थी. जांचकर्ताओं ने कहा कि आरोपियों ने घोड़े ढूंढने में मदद करने के बहाने लड़की को अगवा कर लिया. अपनी बच्ची के लापता होने के अगले दिन उसके माता पिता देवीस्थान गए और राम से उसका अता पता पूछा. जिसपर , उसने बताया कि वह अपने किसी रिश्तेदार के घर गई होगी. चार्जशीट के मुताबिक आरोपी ने बच्ची को देवीस्थान में बंधक बनाए रखने के लिए उसे अचेत करने को लेकर नशीली दवाइयां दी थी. बच्ची के अपहरण , हत्या और जंगोत्रा एवं खजुरिया के साथ उससे बार – बार बलात्कार करने में किशोर ने मुख्य भूमिका निभाई . किशोर अपनी स्कूली पढ़ाई छोड़ चुका है. एक अधिकारी ने बताया कि किशोर की मेडिकल जांच से जाहिर होता है कि वह वयस्क है लेकिन अदालत ने अभी तक रिपोर्ट का संज्ञान नहीं लिया है.

चार्जशीट के मुताबिक खजुरिया ने बच्ची का अपहरण करने के लिए किशोर को लालच दिया. खजुरिया ने उसे भरोसा दिलाया कि वह बोर्ड परीक्षा पास करने (नकल के जरिये) में उसकी मदद करेगा. इसके बाद उसने परवेश से योजना साझाकर उसे अंजाम देने में मदद मांगी, जो राम और खजुरिया ने बनाई थी. जंगोत्रा अपने चचेरे भाई का फोन आने के बाद मेरठ से रासना पहुंचा और किशोर एवं परवेश के साथ बच्ची से बलात्कार किया, जिसे नशीली दवा दी गई थी. राम के निर्देश पर बच्ची को मंदिर से हटाया गया और उसे खत्म करने के इरादे से मन्नू , जंगोत्रा तथा किशोर उसे पास के जंगल में ले गए.

हत्या से पहले किया फिर किया सामूहिक बलात्कार
जांच के मुताबिक खजुरिया भी मौके पर पहुंचा और उनसे इंतजार करने को कहा क्योंकि वह बच्ची की हत्या से पहले उसके साथ फिर से बलात्कार करना चाहता था. चार्जशीट में कहा गया है कि बच्ची से एक बार फिर सामूहिक बलात्कार किया गया और बाद में किशोर ने उसकी हत्या कर दी. इसमें कहा गया है कि किशोर ने बच्ची के सिर पर एक पत्थर से दो बार प्रहार किया और उसके शव को जंगल में फेंक दिया. दरअसल , वाहन का इंतजाम नहीं हो पाने के चलते नहर में शव को फेंकने की उनकी योजना नाकाम हो गई थी. शव का पता चलने के करीब हफ्ते भर बाद 23 जनवरी के सरकार ने यह मामला अपराध शाखा को सौंपा जिसने एसआईटी गठित की.

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