स्मोकिंग से जुड़ी ऐसी कई रिसर्च हैं जिनसे ये साबित हो चुका है कि धूम्रपान सेहत के लिए बेहद खतरनाक है. लोगों का मानना है कि धूम्रपान सिर्फ फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है. लेकिन फेफड़ों के अलावा शरीर के ऐसे और भी कई अंग हैं जन्हें धूम्रपान नुकसान पहुंचाता है. शरीर के इन अंगों में आंखों को धूम्रपान से सबसे अधिक खतरा होता है. स्मोकिंग आंखों के लिए इतनी खतरनाक होती है कि ये आपको अंधा तक बना सकती है. तो आइये जानते हैं स्मोकिंग और पैसिव स्मोकिंग से होने वाले कुछ ऐसे ही नुकसानों के बारे में.
आंखों की नमी का खत्म होना
सिगरेट में ऐसे कई तत्व होते हैं जो आपकी आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं. सिगरेट में निकोटीन युक्त तंबाकू होता है. जिससे निकलने वाला धुंआ आंखों के लिए बेहद खतरनाक होता है. सिगरेट से निकलने वाले धुएं में मौजूद रसायनों से कंजक्टिवा के ग्लोबलेट सेल्स क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, जिसके कारण धुएं में मौजूद कार्बन पार्टिकल्स पलकों पर जमा होने लगते हैं, इसके कारण आंखों की नमी खत्म हो सकती है.
मेक्यूलर डीजनरेशन
कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि बीड़ी-सिगरेट पीने वालों में दूसरे लोगों की तुलना में उम्र बढ़ने के साथ आंखों में होने वाली मेक्यूलर डीजनरेशन का खतरा दो गुना ज्यादा बढ़ जाता है.
ऑप्टिक न्यूरोपैथी
सिगरेट से होने वाले साइड इफेक्ट्स में ऑप्टिक न्यूरोपैथी भी एक समस्या है. तंबाकू में पाया जाने वाला निकोटिन, रेटिना और ऑप्टिक नर्व के सेल्स पर काफी बुरा असर डालता है. ऐसी स्थिति में अधिक देर तक स्मोकिंग करने से आपकी आंखों की रौशनी भी जा सकती है.
मोतियाबिंद
जो लोग बीड़ी-सिगरेट के धुएं में बहुत अधिक समय गुजारते हैं उनमें मोतियाबिंद का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही जो बच्चे शुरू से ही धूम्रपाने के संपर्क में रहते हैं उनमें न्यूक्लियर और पोस्टियर पोलर किस्म के कैटरेक्ट लोगों को छोटी उम्र से ही होने लगते हैं.
डायबिटिक न्यूरोपैथी
धूम्रपान करने वालों में अन्य लोगों की तुलना में बीमारियों का खतरा अधिक रहता है. धूम्रपान करने वालों में थायरॉयड, हाई ब्लडप्रेशर और डायबिटीज की समस्या हो सकती है. जिससे ये बीमारियां आपकी आंखों की रौशनी को भी प्रभावित करती हैं. अधिक धूम्रपान करने से डायबिटिक न्यूरोपैथी की बीमारी हो सकती है. जिससे आपकी आंखों की रौशनी कम होने लगती है. डायबिटिक न्यूरोपैथी से आपकी आंखों को इस हद तक खतरा है कि आपकी आंखों की रौशनी भी जा सकती है.