जम्मू–कश्मीर के कठुआ जिले में आठ साल की लड़की के कथित सामूहिक बलात्कार एवं हत्या की घटना के विरोध में सोशल मीडिया पर हड़ताल के ‘ फर्जी ’ आह्वान से आज केरल के कई हिस्सों में तनाव फैल गया जिसके बाद पुलिस ने हाई अलर्ट जारी कर दिया। सोशल मीडिया पर कल से संदेश फैल रहा था कि कठुआ की घटना के खिलाफ सोमवार को एक राज्यव्यापी हड़ताल की जाएगी और लोगों से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की गयी। हड़ताल के नाम पर सार्वजनिक परिवहन बसों का रास्ता रोकने , बलपूर्वक दुकानें बंद कराने और वाहनों पर पथराव करने के लिए राज्य में विभिन्न जगहों पर सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया।
कन्नूर में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया। प्रदर्शनकारियों ने यातायात को अवरूद्ध करने की कोशिश करने और बलपूर्वक दुकानें बंद करायीं और साथ ही टाउन पुलिस थाने में घुसने की कोशिश की। पुलिस ने कहा कि एक पुलिस उपाधीक्षक सहित कुछ पुलिसकर्मी घटना में घायल हो गए और घटना को लेकर 40 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने कन्नूर में भड़काऊ संदेशों वाले पोस्टर भी हटाए।
उत्तरी केरल के कासरगोड जिले में केरल राज्य पथ परिवहन निगम का एक बस चालक पथराव में घायल हो गया। मल्लपुरम , कोझिकोड , पालक्कड एवं वायनाड तथा राजधानी तिरूवनंतपुरम में कई जगहों पर सार्वजनिक वाहनों का रास्ता रोका गया और दुकानें बंद रहीं। एर्नाकुलम जिले सहित विभिन्न जगहों पर लोगों ने बलात्कार पीड़िता की तस्वीरें लेकर विरोध मार्च निकाले।
हालांकि पुलिस ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल या संगठन ने हड़ताल नहीं बुलायी थी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले लोगों ने हड़ताल के आह्वान के संदेश की सच्चाई जांचे परखे बिना उसे साझा किया जिससे संदेश वायरल हो गया।